10 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

रोक भाई ठोक : चुनई होही त सबो दुख-पीरा बिसरा जही समझथें मतदातामन!

CG Election 2023 : सड़क के डबरा, धुररा, गली के कचरा, नाली के गंदगी, बंद परे अस्पताल, गुरुजी के कमी ल भूला जथें। भरस्टाचार अउ महंगई ल घलो भूला जथें..

2 min read
Google source verification
cartoon_.jpg

cg election 2023 : आ जकाल लोगनमन ल तिहार-बार के वोतेक अगोरा नइ रहय जतेक चुनई के रहिथे। चुनई के अगोरा करत-करत अपन समसिया ल भूला जथें। वोमन नेतामन के करे वादा ल भूला जथें। पानी, बिजली, दवई बर तरसई ल भूला जथें। सड़क के डबरा, धुररा, गली के कचरा, नाली के गंदगी, बंद परे अस्पताल, गुरुजी के कमी ल भूला जथें। भरस्टाचार अउ महंगई ल घलो भूला जथें। लोगनमन तीज-तिहार के मजा लेवई के सपना देखई ल छोड़के ‘चुनई के तमासा’ के सपना देखे बर धर लेथें।

हां संगवारी! तिहार-बार ह वोमन ल का दिही? खरचा भर होतिस? संगी-जउरियामन संग हंसई। तिहार के उमंग अउ उत्साह, घूमई-फिरई। जान-पहिचान अउ परवार वालेमन के एक-दूसर के घर अवई-जवई- खवई। मिल-बइठ के दुख-सुख के गोठ करई। लइकामन के खेलई-कूदई-नचई। रंग-बिरंग के पहनई-ओढ़ई। रंग-रंग के खाई-खजानी। सब संग मनभर बोलई-गोठअई। सियानमन के पांव परई, लइकामन ल आसीरवाद देवई। चारोंमुड़ा खुसी के पुरवाही। ए सब ह लोगनमन के का काम के? वोमन ल तो बस वोट डारे के मउका चाही!

चुनई ल लेके जतके मनखे, वोतके गोठ। जतके बड़का चुनई वोतके बड़का घोसना-वादा-सपना। फेर, कभु कोनो सरकार न वादा पूरा करंय, न लोगनमन के सपना पूरा होवय। ‘चंदा कस रोटी’ टंकाय के टंकाय रहिथे। टुकुर-टुकुर देखत भर रहव, न हाथ लगय, न मुंह।

चुनई आ गे। दिल ल थाम के राखव। झोली फइला लव। झोला ल छोड़व बोरा ल धर लव। का पता ए पइत नेतामन अतेक वादा, घोसना करंय के झोला म नइ हमाही त! नवा-नवा सपना देखाय के बरोबर उमीद बने रहिथे। गरीब ह जानत हे वोहा सिरा जही, फेर गरीबी ह नइ मिटावय। बेरोजगार ह जानत हे वोकर चप्पल घींसा जही, फेर नउकरी नइ मिलय। जनता ह जानत हे भरस्टाचार, महंगई, अपराध ह नइ कमतियाय, भले देस-परदेस अउ समाज के सतियानास हो जही। तभो ले वोमन ल चुनई के अइसे अगोरा रहिथे, जइसे वोकरमन के सबो दुख-पीरा, समसिया ह चुनई होही तहां ले फुरर.. हो जही।