
CG Election: रायपुर दक्षिण विधानसभा उप चुनाव के बाद अब वार्डों में निकाय चुनाव को लेकर दावेदार सामने आने लगे हैं। सबसे ज्यादा दावेदारी कांग्रेस से आ रहे हैं। वहीं भाजपा में फिलहाल बूथ और मंडल चुनाव की सरगर्मी है। बूथ स्तर और मंडल स्तर पर चुनाव की प्रक्रिया पार्षद टिकट के दावेदार भी अपनी सियासी जमीन तैयार करने में लगे हुए हैं। वहीं, भाजपा और कांग्रेस के पार्षद टिकट के दावेदारों को फिलहाल वार्डों के आरक्षण के लिए लॉटरी निकलने का बेसब्री से इंतजार है। आरक्षण के बाद ही दावेदारी मजबूती से सामने आएगी।
कुछ ऐसे पार्षद हैं, जो पहले किसी वार्ड से चुनाव लड़ते थे। लेकिन आरक्षण होने पर दूसरे वार्ड की ओर रुख किया था। अब फिर से पुराने वार्ड में पहले वाले आरक्षण होने की उम्मीद है। इसलिए इस बार अपने पुराने वार्ड से ही टिकट की दावेदारी करने का मन बना रहे हैं। वहीं कुछ ऐसे भाजपा-कांग्रेस पदाधिकारी भी हैं, जो अपने परिवार के अन्य सदस्य को भी वार्ड से लगे दूसर वार्ड में भी पार्षद चुनाव लड़ाने के लिए सियासी जमीन तैयार कर रहे हैं।
दोनों ही पार्टी भाजपा-कांग्रेस से अब कार्यकर्ताओं के बीच निकाय चुनाव में टिकट वितरण को लेकर मांग उठ रही है कि पुराने चेहरों के बजाए नए चेहरों को मौका दिया जाना चाहिए। जो दो से तीन बार के पार्षद रह चुके हैं, उन्हें संगठन में पद देकर वार्ड के सक्रिय कार्यकर्ताओं में से किसी एक को टिकट दिया जाना चाहिए।
हालांकि महापौर का चुनाव प्रत्यक्ष होगा कि अप्रत्यक्ष इस पर अभी आधिकारिक रूप से शासन का फैसला नहीं आया है। लेकिन प्रशासनिक और राजनीतिक गलियारे में चर्चा है कि इस बार महापौर और अध्यक्षों का चुनाव डायरेक्ट होगा। इस कारण से कई सीनियर पार्षदों ने अभी से महापौर के टिकट के लिए अपनी-अपनी सियासी शतरंज की चाल चलना शुरू कर दिया है। पार्षदों के अलावा भाजपा-कांग्रेस के वरिष्ठ पदाधिकारी भी अपना-अपना दावा ठोकने लगे हैं।
Updated on:
26 Nov 2024 03:13 pm
Published on:
26 Nov 2024 03:12 pm
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