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वन आधारित उद्योगों को बढ़ावा देने हरसंभव मदद करेगी सरकार, CM ने उद्यमियों से कही ये बात

- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) ने उद्योगपतियों से वन आधारित उद्योग लगाने का किया आह्वान - छत्तीसगढ़ राज्य (Chhattisgarh) का 44 प्रतिशत भू-भाग वन आच्छादित

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रायपुर. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chhattisgarh CM Bhupesh Baghel) ने कहा, राज्य सरकार छत्तीसगढ़ के वनांचल क्षेत्रों में वन आधारित उद्योग (CG Government promote Forest based industries) लगाने के लिए उद्यमियों को हरसंभव मदद देगी। उन्होंने राज्य के उद्यमियों से इसके लिए आगे आने का आह्वान किया है। मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में उद्योगपतियों और विभिन्न औद्योगिक संगठनों के पदाधिकारियों से राज्य में वन आधारित औद्योगिक इकाइयों की स्थापना को लेकर आयोजित बैठक में चर्चा कर रहे थे।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य का 44 प्रतिशत भू-भाग वन आच्छादित है। यहां प्रचुर मात्रा में वनौषधि एवं लघु वनोपज की उपलब्धता के साथ ही उद्यानिकी उत्पादन की असीम संभावनाएं विद्यमान है। उन्होंने कहा कि वनोत्पाद एवं उद्यानिकी उत्पाद से संबंधित औद्योगिक इकाईयों की स्थापना से राज्य के आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा और वनांचल के लोगों के लिए रोजगार के नए द्वार खुलेंगे।

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मुख्यमंत्री की इस पहल को उद्योगपतियों ने सराहा है। इस मौके पर उद्योगपतियों ने विभिन्न सेक्टरों के उद्योगों को बढ़ावा देने के संबंध में मुख्यमंत्री का ध्यान आकर्षित किया और अपनी मांग रखी। उद्योगपतियों ने मुख्यमंत्री को नए उद्योगों की स्थापना के संबंध में अपने प्रस्ताव भी दिए। बैठक में अपर मुख्य सचिव अमिताभ जैन, उद्योग विभाग के प्रमुख सचिव मनोज पिंगुवा, मुख्यमंत्री के सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

वनौषधि और फलदार पौधों के रोपण पर जोर
मुख्यमंत्री ने कहा, वन क्षेत्रों में पौधरोपण की वर्षों पुरानी नीति को तब्दील करते हुए इमारती पौधों के बजाए फलदार पौधों के रोपण को बढ़ावा दिया है। वन क्षेत्रों में इस साल 86 लाख से अधिक वनौषधि एवं फलदार पौधों का रोपण किया गया है, ताकि इससे स्थानीय लोगों को फायदा हो सके। मुख्यमंत्री ने कहा, राज्य सरकार, वनांचल क्षेत्रों में उद्यमियों के प्रस्ताव के अनुरूप वनौषधि एवं फलदार पौधों के रोपण को बढ़ावा देगी, ताकि वहां स्थापित होने वाले उद्योग को सहजता से कच्चा माल उपलब्ध हो सके।

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नहीं होने देंगे भूमि की कमी
मुख्यमंत्री ने कहा, वन आधारित उद्योगों की स्थापना के लिए भूमि की उपलब्धता की कमी आड़े नहीं आएगी। उन्होंने कहा कि राज्य में वर्तमान में 1300 से अधिक नालों को उपचार का किया जा रहा है, जिसमें से अधिकांश नाले वन क्षेत्रों में स्थित है। इसकी वजह से वनांचल क्षेत्रों में लगने वाले उद्योगों के लिए पानी की उपलब्धता भी सहजता से सुनिश्चित हो सकेगी। उन्होंने कहा कि वन क्षेत्रों में स्थापित होने वाले उद्योगों के लिए मानव संसाधन भी सहज रूप से उपलब्ध हो सकेंगे।


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