ताराझर, मटाल, कुरूवापानी, भालूडिग्गी पहाड़ी के ऊपर बसा है। इन गांवों में पहुंचने के लिए सड़क नहीं है। इसलिए ग्रामीण घोड़े के सहारे राशन सामग्री कुल्हाडीघाट से गांव तक ले जाते हंै। इन ग्रामों के लोग मतदान के लिए एक दिन पहले कुल्हाडीघाट पहुंचते हैं, तब कहीं जाकर दूसरे दिन मतदान करते हैं।
– बनसिंग सोरीे, सरपंच, ग्राम पंचायत कुल्हाडीघाट