रायपुर

CG News : बीरबल की खिचड़ी साबित हो रहा कोण्डागांव में निर्माणाधीन एथेनाॅल प्लाॅट, हजारों किसानों की टूट रही उम्मीदें , देखें VIDEO

अफसरों की सुस्त कार्यशैली से इलाके के मक्का उत्पादक किसान परेशान हैं। उन्होंने उम्मीद जताई थी कि इस प्लांट के तैयार होने के बाद उन्हें न केवल अच्छे दाम मिलेंगे बल्कि उनकी मक्का खेती में भी विस्तार होगा लेकि न प्लांट अब तक पूरा नहीं हो पाया है।

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Feb 08, 2023
निर्माणाधीन एथेनाॅल प्लांट

रायपुर। कोण्डागांव जिले में 140.66 करोड़ की लागत से निर्माणाधीन एथेनाॅल प्लांट एथेनाॅल प्लांट इलाके के मक्का उत्पादक किसानों के लिए कही बीरबल की खिचड़ी साबित न हो जाए। और इलाके के मक्का उत्पादक किसान तांकते ही रह जाए, दरअसल इलाके में मक्के की भरपूर पैदावार को देखते हुए किसानों ने मांग थी कि, जिले में मक्का प्रोसेसिंग प्लांट स्थापित किया जाए। जिससे स्थानीय किसानों को इसका सीधा फायदा मिल सके।

2018 में राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद जिले के प्रवास पर आए सीएम भूपेश बघेल (CM bhupesh baghel) ने 02 जनवरी 2019 को जिले में 136.66 करोड़ की लागत से मक्का प्रोसेसिंग प्लांट ईकाई स्थापित करने की घोषणा की और घोषणा के तकरीबन ढेड़माह बाद 16 फरवरी 2019 को सांसद राहुल गांधी ने लोहाड़ीगुडा के एक आयोजन में इसकी आधारशिला भी रख थी। इसके बाद माॅ दंतेश्वरी सहकारी समिति के माध्यम यहाॅ निमार्ण कार्य शुरू हुआ उस दौरान प्रशासनिक अमले ने इसे 18 माह में बनकर तैयार होने की बात कहते हुए इलाके के 45 हजार से ज्यादा किसानों से इस प्लांट का शेयर होल्डर बनाने रकम जमा करवाए जो पूरे प्रोजेक्ट का 5 प्रतिशत था। हांलाकि मक्का प्रोसेसिंग प्लांट के अन्य जगहों पर घटती स्थिति को देखते हुए वर्ष 2021 में समिति से सलाह मशवरा के बाद इसमें बदलाव करते हुए इसे एथेनाॅल निमार्ण के लिए सहमति बनी जिसपर राज्य सरकार की स्वीकृति के बाद इसकी प्रक्रिया शुरू हुई जो आजतक चल रही है।

क्या कहते है शेयर होल्डर किसान

शेयर होल्डर किसान रामचंद विश्वकमा ने कहा कि, प्लांट निमार्ण की प्रक्रिया तो धीमी है, जिससे ऐसा लगता है कि, इसके निमार्ण में और काफी समय लग सकता है। यहाॅ तो हम किसानों का ही पैसा लगा है, शुरूआती दौर में हमें बताया गया था कि, दो साल में बनकर तैयार हो जाएगा, लेकिन यहाॅ तीन साल बीत चुका है काम अब भी अधूरा ही है। जल्दी बनता तो हमें फायदा होता। किसान सूरजू की माने तो प्लांट जल्दी बनता तो इसका सीधा फायदा हम किसानों को होता, लेकिन इसकी धीमी गति अब हम किसानों को परेशान कर रहा है। अभी हमें बिचैलियों के पास मजबूरी में अपनी मक्का की फसल बेचनी पड़ रही है, जिससे हमें दाम भी कम मिलता है। वही मंगतुराम नेताम कहते हैं कि, मैने जो अपना अंशदान इस प्लांट के लिए दिया है उसकी पत्रक भी मुझे अबतक नहीं मिल पाई है। यह कब बनेगा इसे तो नहीं बता पाउगा, लेकिन फिलहाॅल पांच-छह माह में बनकर तैयार हो जाएगा इसकी उम्मीद तो कम ही है।

क्या कहते है अफसर

हमारी कोशिश है कि जून तक प्लांट निमार्ण कायर् पूरा करते हुए प्रोडक्शन शुरू कर दिया जाए, इसी लक्ष्य को लेकर अभी चल रहे है।

केएल उईके, एमडी मक्का प्रोसेसिंग प्लांट

Published on:
08 Feb 2023 01:03 pm
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