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छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2018 : कांटे की टक्कर वाली सीटों पर रोमांचक होगा मुकाबला

विधानसभा की दो सीटें ऐसी थीं, जिनमें हार-जीत का अंतर एक हजार मतों से भी कम था

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छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2018 : कांटे की टक्कर वाली सीटों पर रोमांचक होगा मुकाबला

रायपुर. विधानसभा के लिए हुए पिछले चुनाव में कुछ सीटों पर कांटे की टक्कर देखने को मिली। विधानसभा की दो सीटें ऐसी थीं, जिनमें हार-जीत का अंतर एक हजार मतों से भी कम था। 10 सीटों पर यह अंतर 2500 वोटों से कुछ कम कुछ अधिक था। इनमें से कुछ सीटों का विश्लेषण करें तो क्षेत्र के हालात बहुत नहीं बदले हैं। कुछ बुनियादी समस्याएं अभी भी जस की तस हैं। उनको दूर करने के लिए राजनीतिक दलों के अपने-अपने वादे हैं। मतदाता किनपर भरोसा करता है यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा, लेकिन इन सीटों पर इस बार मुकाबला रोमांचक होने की संभावना जताई जा रही है।

सबसे कम अंतर से फैसले वाली 10 सीट


















































































क्रमांकविधानसभाजीतेहारेमतों का अंतर
01तखतपुरराजू सिंह क्षत्रिय(BJP)

आशीष सिंह ठाकुर(Congress)


608
02मोहला मानपुरतेजकुंवर गोवर्धन नेताम(Congress)भावेश शाह मंडावी(BJP)956
03बैकुंठपुरभइयालाल रजवाड़े(BJP)वेदांती तिवारी(Congress)1069
04डोंगरगांवदलेश्वर साहू(Congress)दिनेश गाँधी(BJP)1698
05रायपुर ग्रामीणसत्यनारायण शर्मा(Congress)नन्द कुमार साहू(BJP)1861
06खैरागढ़गीतवार जंघेल(Congress)कोमल जंघेल(BJP)2190
07धरसींवादेवजी भाई पटेल(BJP)अनीता शर्मा(Congress)2390
08राजिमसंतोष उपाध्याय(BJP)अमितेश शुक्ल(Congress)2441
09कवर्धाअशोक साहू (BJP)मोहम्मद अकबर(Congress)2558
10जैजैपुरकेशव चंद्रा(BSP)कैलाश साहू(BJP)2579

मुद्दा बिजली यहां की प्रमुख समस्याओं में शुमार है। कम बिजली मिलना, पॉवर कट से लोग परेशान हैं। गांवों में साफ पानी को लेकर शिकायतें हैं। डॉक्टरों और शिक्षकों की कमी भी मसला है।

राजू सिंह क्षत्रीय, विधायक

पूर्व कांग्रेस प्रत्याशी

धान उत्पादक प्रमुख क्षेत्रों में शुमार राजिम में सिंचाई प्रमुख मसला है। पंपों को बिजली की अनुपलब्धता और नहरों का अधूरा रहना बड़ा मुद्दा है। कौशल्या मंदिर भी भावनात्मक मसला बना हुआ है।

संतोष उपाध्याय, विधायक

अमितेश शुक्ल, पूर्व कांग्रेस प्रत्याशी

बिजली कटौती, लो वोल्टेज यहां की प्रमुख समस्याओं में शुमार है। साफ पानी, स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टर और स्कूलों में शिक्षकोंं की कमी मुद्दा बना हुआ है। पलायन भी बड़ी समस्या है।

दिनेश गांधी, पूर्व भाजपा प्रत्याशी