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जोगी कार्यकर्ताओं में छाई नाराजगी, जल्द ही राजनांदगांव के बड़े नेता दे सकते हैं पार्टी से इस्तीफा

जोगी कार्यकर्ताओं में छाई नाराजगी, जल्द ही राजनांदगांव के बड़े नेता दे सकते हैं पार्टी से इस्तीफा

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जोगी कार्यकर्ताओं में छाई नाराजगी, जल्द ही राजनांदगांव के बड़े नेता दे सकते हैं पार्टी से इस्तीफा

रायपुर/राजनांदगांव. जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के बीएसपी के साथ सीटों के बंटवारे के बाद यहां आक्रोश पनपने लगा है। प्रदेश की 90 में से 35 सीटें बसपा को देने के समझौते के तहत जिले की दो सीटों डोंगरगांव और डोंगरगढ़ को बसपा को देने के फैसले के बाद यहां नाराजगी दिखने लगी है। पार्टी से जुड़े सूत्र और राजनीतिक जानकार फैसले पर आश्चर्च जता रहे हैं। हालांकि इस सीट को लेकर फैसला बदले जाने के संकेत मिले हैं।

जनता कांग्रेस प्रमुख अजीत जोगी और बसपा प्रमुख मायावती के बीच हुए गठबंधन के बाद आज दोनों पार्टियों ने सीटों के बंटवारे को अंतिम रूप दिया है। जो तस्वीर सामने आ रही है उसके मुताबिक जिले की छह सीटों में से दो सीटें डोंगरगांव और डोंगरगढ़ बसपा को दी गई हैं जबकि चार सीटों राजनांदगांव, खैरागढ़, खुज्जी और मोहला-मानपुर पर जोगी कांग्रेस चुनाव लड़ेगी।

डोंगरगांव का फैसला समझ से परे
जिले में बसपा की राजनीति पर नजर डालें तो उनका सबसे बेतहर संगठन डोंगरगढ़ में है। इसके अलावा राजनांदगांव में पार्टी की सक्रियता अच्छी है। डोंगरगांव विधानसभा क्षेत्र में संगठन की गतिविधियां खास नहीं हैं। पार्टी के नेता भी मानते हैं कि डोंगरगढ़ में वे बेहतर हैं तो डोंगरगांव में कमजोर। बसपा के पास डोंगरगांव से चुनाव लडऩे के लिए कोई मजबूत उम्मीदवार भी नहीं हंै, ऐसे में डोंगरगांव का फैसला समझ से परे है।

सिर्फ डोंगरगढ़ की ही थी उम्मीद
जोगी की पार्टी के बसपा के साथ समझौते के बाद से ही उम्मीद की जा रही थी कि इस जिले की एक सीट डोंगरगढ़ बसपा के खाते में जा सकती है। इसकी वजह यह है कि डोंगरगढ़ में बौद्ध समाज के वोट बहुतायत में हैं। डोंगरगढ़ सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट भी है। ऐसे में यही माना जा रहा था कि जोगी ये सीट बसपा को दे देंगे लेकिन एक और सीट यहां से बसपा को जाएगी, ऐसी संभावना किसी को नहीं थी।

इस्तीफे की हो रही पेशकश
जनता कांग्रेस में डोंगरगांव विधानसभा क्षेत्र को लेकर नेता लगातार मेहनत कर रहे थे। इस क्षेत्र के एक जनपद सदस्य सहित लोधी समाज के एक नेता ने यहां गांव गांव में जनसंपर्क भी शुरू कर दिया था। ऐसे में पार्टी द्वारा इस सीट को बसपा को दे दिए जाने से नेताओं में नाराजगी की स्थिति है। ऐसी खबर मिली है कि इस निर्णय को लेकर इस्तीफे तक की पेशकश की जा रही है। हालांकि पार्टी के सूत्र इस बात से इंकार कर रहे हैं लेकिन डोंगरगांव में वोटों के गणित को लेकर पार्टी प्रमुख जोगी से मिलने की तैयारी नेताओं ने कर ली है।