
रायपुर. राज्य सरकार और व्यापारियों के बीच सेतु का काम करने वाले छत्तीसगढ़ चैंबर ऑफ कॉमर्स में मलाईदार पद माने जाने वाले अध्यक्ष पद के लिए इस वर्ष रिकॉर्ड आवेदन आए हैं। इसकी बड़ी वजह यह भी है कि अगले वर्ष राज्य में विधानसभा चुनाव है, जिसमें रायपुर की राजनीति में चैंबर की भूमिका महत्वपूर्ण होगी।
व्यापारी एकता पैनल से इस वर्ष कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के भाई योगेश अग्रवाल व विधायक श्रीचंद सुंदरानी के भाई राधाकिशन सुंदरानी सहित कुल १० लोगों ने चैंबर अध्यक्ष बनने की इच्छा जताई है। हालांकि पैनल से किसी एक को दावेदार बनाया जाएगा। व्यापारी एकता पैनल ने अभी पत्ते नहीं खोले हैं, वहीं अलग-अलग पदों के लिए प्रस्ताव जमा करने की तारीख ३१ अक्टूूबर तक बढ़ा दी गई है। आने वाले दिनों में आवेदनों की संख्या में इजाफे की उम्मीद है। वर्तमान अध्यक्ष अमर परवानी ने फिर से दोबारा चैंबर अध्यक्ष बनने के लिए आवेदन किया है। आवेदनों की संख्या के लिहाज से अब एकता पैनल में फूट और असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो चुकी है, जिसकी वजह से पंच कमेटी को अध्यक्ष का दावेदार तय करने के लिए मशक्कत करनी पड़ रही है। चैंबर चुनाव ३० दिसंबर से ६ जनवरी के बीच कराने का फैसला लिया गया है।
श्रीचंद सुंदरानी का हस्तक्षेप शुरू
भाजपा विधायक श्रीचंद सुंदरानी का भी हस्तक्षेप शुरू हो चुका है। उन्होंने अपने चहेते को नामांकन भी दाखिल करवाया है, जिसमें उनके भाई अन्य दावेदार शामिल हैं। वे व्यापारी एकता पैनल के अध्यक्ष हैं। चैंबर सूत्रों का कहना है कि चैंबर अध्यक्ष का दावेदार उनकी सहमति के बिना तय नहीं किया जा सकता। पंच कमेटी को भी उनके इशारों पर चलना पड़ता है। इससे पहले विधायक कह चुके हैं कि राजनीति में आने के बाद सीधे तौर पर उनका चैंबर चुनाव में दखल नहीं होगा।
चैंबर का खजाना 1 करोड़ रुपए पार
चैंबर के कोषालय में वर्तमान राशि १ करोड़ रुपए से पार हो चुकी है। सदस्यों से लिए जाने वाले सदस्यता शुल्क का उपयोग व्यापारिक मुद्दों पर आयोजित सेमिनार, व्यापार मेला, वार्षिक अधिवेशन, समीक्षा बैठक, कार्यकारिणी बैठक आदि खर्चों में इस्तेमाल किया जाता है। चैंबर में आजीवन सदस्यों की सदस्यता शुल्क एकमुश्त ३५०० रुपए हैं, वहीं पहली बार सदस्य बनने पर १००० रुपए सदस्यता शुल्क व हर वर्ष ५०० रुपए शुल्क रखा गया है। सदस्यों की राशि बैंक में फिक्स डिपॉजिट की गई है।
राजनीति में शामिल होने का रास्ता
चैंबर के पूर्व अध्यक्ष श्रीचंद सुंदरानी के विधायक बनने के बाद चैंबर अध्यक्ष के पद का महत्व और अधिक बढ़ गया। चैंबर अध्यक्ष को अब व्यापारिक संस्था की ओर से राजनीति में प्रवेश की पहली सीढ़ी भी माना जा रहा है, जिसमें अध्यक्ष का राजनीतिक गलियारों में हस्तक्षेप बढऩे के साथ ही सरकार में शामिल होने की संभावना भी बढ़ जाती है।
इसलिए अध्यक्ष बनने लगी लाइन
चैंबर अध्यक्ष का पद जहां व्यापारियों के लिए सर्वोच्च होता है, वहीं व्यापारिक नीतियों और सरकार के खिलाफ प्रदर्शन से लेकर समर्थन के मामले चैबर से रायशुमारी की जाती है। इसके साथ कई मामलों में व्यापारियों और उद्योगों के अटके काम के लिए चैंबर की सिफारिश को सरकार गंभीरता से लेती है। इस वर्ष नोटबंदी के मामले में राज्य सरकार ने चैंबर को साथ में लेकर बड़ा आंदोलन होने से बचा लिया।
चैंबर अध्यक्ष की दौड़ में इनके नाम सामने आए
नाम- वर्तमान पद
अमर परवानी- वर्तमान अध्यक्ष
जैन जितेंद्र बरलोटा- कार्यकारी अध्यक्ष
योगेश अग्रवाल - कार्यकारी अध्यक्ष
राधाकिशन सुंदरानी- उपाध्यक्ष
विनय बजाज -महामंत्री
लालचंद गुलवानी -उपाध्यक्ष
चंदर विधानी -उपाध्यक्ष
रमेश गांधी -वरिष्ठ सदस्य
फैक्ट फाइल
10 लोगों ने जताई चैंबर अध्यक्ष बनने की इच्छा
31 अक्टूबर तक प्रस्ताव जमा करने की तारीख
30 दिसंबर से ६ जनवरी २०१८ के बीच होगा चैंबर चुनाव
Published on:
04 Oct 2017 11:47 am
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