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चंद्रयान-2: भारत के इस मिशन को एेतिहासिक बनाने वाले वैज्ञानिकों की टीम में शामिल हैं छत्तीसगढ़ के आदित्य

- देश के एेतिहासिक मिशन चंद्रयान-2 (Chandrayaan-2) के वैज्ञानिकों ने रचा इतिहास- छत्तीसगढ़ के आर आदित्य भी हैं चंद्रयान-2 मिशन की टीम का अहम हिस्सा- आदित्य भारत के एेतिहासिक मंगलयान मिशन (Mission Mangalyaan) का भी हिस्सा रह चुके हैं हिस्सा

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रायपुर. चांद पर इंसानों की बस्ती बसाने और दूसरे ग्रहों की खोज के लिए चांद पड़ाव बनाने का सपना साकार करने चंद्रयान-2 (Chandrayaan 2) ऐसिहासिक यात्रा पर चल पड़ा है। सोमवार दोपहर 2.43 बजे श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के दूसरे लॉन्च पैड से GSLV मार्क-3 एम-3 ने सटीक उड़ान भरी और 17 मिनट बाद चंद्रयान-2 को तय कक्षा में स्थापित कर दिया। इसके साथ ही मिशन का पड़ाव पार हो गया।

इस मिशन (Mission Moon) को सफल करने के पीछे देशभर के हजारों Seientist की कड़ी मेहनत है। जिन्होने रात दिन एक करके इस मिशन को सफल बनाया है। इन हजारों वैज्ञानिकों में से एक वैज्ञानिक छत्तीसगढ़ के राजधानी रायपुर के रहने वाले आर. आदित्य भी हैं।

आदित्य इस चंद्रयान-2 मिशन में कंट्रोल टीम में अहम भूमिका निभा रहे हैं। ये उस टीम का हिस्सा है जो टीम चंद्रयान-2 के अंतरिक्ष पहुंचने के बाद से उसे नियंत्रित करेगी।

मिशन के कंट्रोल टीम में अहम भूमिका निभाने वाले आदित्य पिछले महीने रायपुर में थे। दरअसल, 16 जून को उनकी शादी थी। उनकी मां आर लक्ष्मी ने कहा कि मुझे खुशी है कि आदित्य इस मिशन में हैं लेकिन हमें पूरी टीम पर गर्व है। क्योंकि अकेले कोई भी इतनी बड़ी उपलब्धि हासिल नहीं कर सकता। पिता आर मुरली ने बताया कि मेरी आदित्य से रविवार को बात हुई थी। मुझे आदित्य ने बताया कि लांचिंग के बाद उनका काम शुरू होगा। क्योंकि सिस्टम को कंट्रोल करना उनकी टीम का काम है।

5 नवम्बर 2013 को 2 बजकर 38 मिनट पर भारत ने मंगल ग्रह की परिक्रमा करने के लिए एक सैटेलाइट मंगलयान (Mangalyaan Mission) छोड़ा था। यह भारत का पहला मंगल अभियान था। रायपुर के आदित्य इस मिशन का भी हिस्सा रह चुके हैं।

छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने सोमवार को चंद्रयान के सफलतापूर्वक लांच होने के बाद ट्वीटर के माध्यम से ISRO (Indian Space Research Organization) और उसके वैज्ञानिकों को बधाई दी थी। उन्होने लिखा, और फिर हमने इतिहास रच दिखाया.. कर दिखाया। चंद्रयान पर शोभित भारत का झंडा आज ही 22 जुलाई के दिन 1947 को संविधानकारी सभा के द्वारा स्वीकार किया गया था। इसरो की पूरी टीम को सफलतापूर्वक प्रक्षेपण के लिए बधाई। अभी हमें और भी आगे जाना है।