
चातुर्मास प्रवचन: संत प्रवीण ऋषि ने कहा- सपना टूटने से पहले सिद्ध करें, तभी जीवन साकार हो पाएगा
रायपुर। Chaturmas Pravachan : सपने अच्छे हो या बुरे, टूटते हैं। परमात्मा कहते हैं कि सपना टूटने के पहले सिद्ध कर लो। ऐसा हो ही नहीं सकता कि जो बना है वो टूटे नहीं। लेकिन, जिसने टूटने से पहले सपनों को सिद्ध कर लिया, उसका जीवन साकार हो गया। टैगोर नगर के श्री लालगंगा पटवा भवन में चल रहे चातुर्मासिक प्रवचन में शनिवार को संत प्रवीण ऋषि ने ये बातें कही।
उन्होंने कहा कि सपना टूटने के बाद आप केवल रो सकते हैं। द्वारिका नगरी एक सपना है। गजकुमार की दीक्षा भी एक सपना है। लेकिन, आयुष टूटने के पहले गजकुमार ने अपने सपने को सिद्ध कर लिया। जिस समय गजकुमार की आत्मा सिद्ध हुई, उसी समय देवकी को अनुभूति हो गई कि मेरा बेटा परमात्मा हो गया है। दिल से जुड़े रिश्तों को जुबान की आवश्यकता नहीं होती है। श्रीकृष्ण वापस लौटते हैं। सोचते हैं कि मां को क्या बताऊंगा? कैसे बताऊंगा? श्रीकृष्ण के चेहरे पर उदासी थी, लेकिन माता देवकी के चेहरे पर ख़ुशी थी। उन्होंने कृष्ण से कहा कि तेरा अनुज सिद्ध हो गया। उसे वंदन कर ले।
रिश्ता भक्ति का हो तो बिना व्याकरण भी अर्थ समझेंगे
उन्होंने कहा, हम सरल भाषा में सुनते हैं तो समझ आ जाता है। मूल पाठ परमात्मा के शब्द हैं। भक्ति का रिश्ता हो तो बिना व्याकरण के भी शब्दों का अर्थ समझ आ जाता है। परमात्मा एक भाषा में बोलते हैं। सुनने वाले को लगता है कि वे हमारी भाषा में बोल रहे हैं। ये परमात्मा की वाणी का अतिशय है। परमात्मा के शब्द हमारे कानों से गुजरने चाहिए, इसलिए मूलपाठ की आराधना करते हैं। उक्ताशय की जानकारी रायपुर श्रमण संघ के अध्यक्ष ललित पटवा ने दी।
Published on:
17 Sept 2023 11:20 am
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