9 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

नहीं देखे होंगे कीचड़ में ऐसे लेटने वाला Video, ऐसा करने से पूरी होती है मन की मुराद

Chhattisgarh Ajab Gajab: छत्तीसगढ़ में आपको कई ऐसे सच्ची आस्थाओं (True beliefs) से जुड़ी कहानियां मिल जाएगी

2 min read
Google source verification
Chhattisgarh News

नहीं देखा होगा कीचड़ में ऐसे लेटने वाला Video, ऐसा करने से पूरी होती है मन की मुराद

रायपुर. कई लोग ऐसे हैं, जो रास्ते पर रखे पत्थर को भी देवता मानकर उसकी पूजा करते हैं। उनके प्रति गहरी आस्था रख कर उनकी पूजा करते हैं। वहीं, नियमों के विपरित जाने पर भगवान के कहर से भी डरते हैं। (Chhattisgarh Ajab Gajab) छत्तीसगढ़ में आपको कई ऐसे सच्ची आस्थाओं से जुड़ी कहानियां मिल जाएगी। इन्हीं कहानियों में से एक है नागदेव की पूजा (Worship of Nagdev) की ये कहानी। ऐसी मान्यता है कि कीचड़ में (Nag Panchami) लोटने से मन की मुराद पूरी हो जाती है..

देशभर में नागपंचमी के दिन सुबह से ही नागदेव की पूजा-अर्चना हो रही थी। इस बीच जांगजीर के कई गांव के घरों के आंगन व खेतों में दूध-लाई के दोने रखे गए थे । सपेरों ने नागदेव के दर्शन कराए। लोगों ने सपेरों को पैसे व दूध देकर नागदेव का आशीर्वाद लिया। ऐसी मान्यता है कि नागपंचमी पर सांप के लिए दूध व लाई देने से भगवान शंकर प्रसन्न होते है। पुरानी बस्ती कहरापारा में नागदेव की पूजा-अर्चना सार्वजनिक रूप से की गई। यहां नगमत और दहिकांदो भी हुआ।

नागपंचमी के दिन कीचड़ में लोट कर लोगों ने अपनी भक्ति का परिचय दिया। बाद में बैगा द्वारा फुंकने के बाद नागदेव शांत होते हैं। ऐसी परंपरा नागपंचमी पर वर्षों से चली आ रही है। नागदेव की पूजा के बाद शोभायात्रा निकाली गई। मांदर की थाप के बीच लोग भीमा तालाब पहुंचे, जहां पूजन सामग्री का विसर्जन किया गया। इसी तरह गांव- गांव में नागदेव की पूजा के साथ नगमत और दहिकांदो का आयोजन हुआ। जैजैपुर से 27 किमी दूर कैथा में बिरतिया बाबा का प्रसिद्ध मंदिर है। यहां हर साल नागपंचमी के दिन दर्शनार्थियों का मेला लगता है। नागपंचमी पर सुबह से ग्रामीणों की भीड़ मंदिर में उमड़ी। शाम तक मंदिर में पूजा-अर्चना का सिलसिला चलता रहा। दर्शनार्थियों ने मेले में लगी दुकानों में जमकर खरीददारी की।

अकलतरा से 5 किलोमीटर दूर स्थित दल्हा पहाड़ में नागपंचमी पर मेला लगा। मेले में लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। प्राचीन काल से यहां मेला लगता है। इस मौसम में क्षेत्र का एकमात्र मेला होने से करीब 15 हजार लोग यहां पहुंचे। सुबह से ही नागपूजा कर ग्रामीण मेले में पहुंचने लगे थे। प्रवेश द्वार पर सूर्य कुंड के पानी से शुद्ध होकर भक्त पहाड़ पर चढ़े और पहाड़ के ऊपर मां भगवती मंदिर में पूजा-अर्चना की।

...और भी है Chhattisgarh Ajab Gajab से जुड़ी ढेरों खबरें