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रायपुर . केंद्र सरकार ने राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदलकर अब मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार (Major Dhyan Chand Award) कर दिया है। इससे एक बार फिर सियासत गरमा गई है। कांग्रेस इसका खुलकर विरोध कर रही है, लेकिन नाम बदलने की सियासत से छत्तीसगढ़ भी अछूता नहीं है। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार के सत्ता में आने के बाद अब तक करीब 7 योजनाओं के नाम बदले जा चुके हैं। इनमें अधिकांश योजनाएं जनसंघ के संस्थापक पंडित दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर रहीं। राज्य सरकार ने कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय (Kushabhau thakre journalism University) का नाम बदलकर स्व. चंदूलाल चंद्राकर पत्रकारिता विश्वविद्यालय करने का निर्णय लिया था। इसके लिए संशोधित विधेयक भी लाया गया था। यह मामला अभी राजभवन में अटका हुअ है। इधर, केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत योजना का नाम नहीं बदला, मगर यहां पर इस डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता एवं आयुष्मान भारत योजना किया गया है।
इन योजनाओं के नाम बदले
1- पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्वावलंबन योजना का नाम बदलकर राजीव गांधी स्वावलंबन योजना किया गया।
2- पंडित दीनदयाल उपाध्याय सर्वसमाज मांगलिक भवन योजना का नाम डॉ. बीआर आंबेडकर सर्वसमाज मांगलिक भवन योजना किया।
3- पंडित दीनदयाल उपाध्याय एलईडी पथ प्रकाश योजना का नाम इंदिरा प्रियदर्शिनी एलईडी पथ प्रकाश योजना किया गया।
4- पंडित दीनदयाल उपाध्याय आजीविका केंद्र योजना का नाम राजीव गांधी आजीविका केंद्र किया गया।
5- पंडित दीनदयाल उपाध्याय शुद्ध पेयजल योजना का नाम इंदिरा प्रियदर्शिनी शुद्ध पेयजल किया गया।
6- पंडित दीनदयाल उपाध्याय अन्न श्रम सहायता योजना का नाम शहीद वीर नारायण सिंह श्रम सहायता योजना किया गया।
7- राजमाता विजयाराजे कन्या विवाह योजना का नाम बदलकर मिनीमाता कन्या विवाह योजना किया गया।
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नाम बदलने पर नेताओं के बोल
ये सम्मान किसी एक परिवार के नाम पर ही था। हम किसी परिवार या जननेता का नहीं बल्कि उनका सम्मान करते हैं जिन्होंने उसे क्षेत्र विशेष में काम किया।
- डी. पुरंदेश्वरी, भाजपा प्रदेश प्रभारी
मेजर ध्यानचंद हॉकी के जादूगर थे। उनके खेल का लोहा पूरी दुनिया मानती थी। उन्होंने अपनी प्रतिभा से तिरंगे का मान बढ़ाया। प्रधानमंत्री ने खेल रत्न पुरस्कार का नाम उनके नाम पर रखकर उनका सम्मान बढ़ाया है।
- डॉ. रमन सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री
हिन्दू को मुसलमान से लड़ा रहे हैं, गरीब को अमीर से लड़ा रहे हैं, दलित को सवर्णों से लड़ा रहे हैं, नेहरु को पटेल से लड़ा रहे हैं और अब राजीव जी को ध्यानचंद से लड़ा रहे हैं।
- टीएस सिंहदेव, स्वास्थ्य मंत्री
राजीव गांधी खेल रत्न अवार्ड का नाम बदलना मोदी सरकार की राजनीतिक अध:पतन की पराकाष्ठा है। मोदी और उनकी सरकार की नीयत में खोट नहीं होता तो मेजर ध्यानचंद के नाम पर खेल का कोई दूसरा पुरस्कार घोषित कर सकते थे।
- सुशील आनंद शुक्ला, मुख्य प्रवक्ता
Updated on:
07 Aug 2021 12:58 pm
Published on:
07 Aug 2021 12:42 pm
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