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छत्तीसगढ़ के 57 फीसदी लोगों ने माना कि सरकारी काम के लिए दी है घूस

सर्वाधिक भ्रष्टाचार या घूसखोरी उन विभागों में है जिनसे सीधे जनता का सरोकार होता है। यातायात नियमों के उल्लंघन में सीधे चौक-चौराहों पर खड़े पुलिस जवानों, अफसरों से सामना होता है। तो जमीन से जुड़े प्रकरणों में पटवारी और तहसीलदार से।

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रायपुर. छत्तीसगढ़ के हर दूसरे व्यक्ति ने सरकारी नुमाइंदों को कभी न कभी घूस दी है। ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की करप्शन इन इंडिया-2019 रिपोर्ट में यह बात सामने आई है। रिपोर्ट का दावा है कि प्रदेश में 57 फीसदी लोगों ने एक साल के भीतर किसी न किसी काम के लिए कर्मचारियों-अधिकारियों को रिश्वत दी है

रिपोर्ट देशभर के 20 राज्यों के 220 जिलों में सालभर चले सर्वे के आधार पर तैयार की गई है। छत्तीसगढ़ में सबसे रिश्वतखोरी की सबसे अधिक शिकायत पुलिस विभाग में है। 40 प्रतिशत लोगों ने कहा है कि उन्होंने पुलिस को रिश्वत दी है। 20 प्रतिशत लोगों ने जमीन संबंधी मामलों में रिश्वत दी है। वहीं 40 प्रतिशत लोगों ने बिजली, परिवहन, कर संबंधी कार्यालयों में घूस देकर काम निकलवाना स्वीकार किया है।

रिपोर्ट के मुताबिक सर्वाधिक भ्रष्टाचार या घूसखोरी उन विभागों में है जिनसे सीधे जनता का सरोकार होता है। यातायात नियमों के उल्लंघन में सीधे चौक-चौराहों पर खड़े पुलिस जवानों, अफसरों से सामना होता है। तो जमीन से जुड़े प्रकरणों में पटवारी और तहसीलदार से। बिजली मीटर लगवाने से लेकर भार बढ़ाने, जल्द काम करवाने के मामले में बिजली ठेकेदारों से आमना-सामना होता है।

35 प्रतिशत रिश्वत आमने-सामने

रिपोर्ट के मुताबिक 35 फीसदी मामलों में रिश्वत का लेन-देन सीधे हुआ। 30 फीसदी मामलों में किसी तीसरे व्यक्ति के जरिए एेसा किया गया। छह फीसदी मामलों में रिश्वत, गिफ्ट के तौर पर लेने की बात सामने आई।
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सबसे भ्रष्ट 10 राज्यों में शामिल

इस रिपोर्ट के मुताबिक छत्तीसगढ़ देश के सबसे भ्रष्ट 10 राज्यों में शामिल हो गया है। 20 राज्यों की सूची में 57 प्रतिशत के साथ छत्तीसगढ़ 9वें स्थान पर है। 79 प्रतिशत के साथ राजस्थान शीर्ष पर बना हुआ है। उसके बाद बिहार, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, तमिलनाडू, झारखंड और पंजाब आते हैं। पड़ोसी मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र में 55 प्रतिशत और ओडिशा में 40 प्रतिशत लोगों ने रिश्वत की बात मानी है।

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