
Chhattisgarh News: आयुष्मान भारत योजना व डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना के तहत हुए मरीजों के फ्री इलाज के क्लेम व इसकी राशि में कई बड़ी विसंगतियां हैं। 2023-24 में जहां कम बेड के एक निजी अस्पताल ने आधे से कम मरीजों का इलाज कर अच्छी खासी राशि का इलाज किया है। वहीं, एक बड़े मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल ने इससे कुछ ही ज्यादा राशि का क्लेम किया है।
इन दोनों अस्पतालों की तुलना की जाए तो बड़े अस्पताल में दोगुना से ज्यादा मरीजों का इलाज किया है, लेकिन क्लेम राशि छोटे अस्पताल की तुलना में महज कुछ करोड़ रुपए ही ज्यादा है। विशेषज्ञ इसमें गड़बड़ी की आशंका जता रहे हैं।
Chhattisgarh: प्रदेश में आयुष्मान भारत योजना सितंबर 2016 से चल रही है। इस योजना में स्टेट नोडल एजेंसी कार्यालय के अधिकारियों व निजी अस्पतालों के बीच साठगांठ नई बात नहीं है। हाल ही में अस्पताल विशेष को फायदा पहुंचाने के आरोप में महिला अधिकारी की सेवा खत्म की जा चुकी है। पत्रिका के पास 2019-20 से 2023-24 के डॉटा है, जिसमें पांच साल में सरकारी व निजी अस्पतालों में योजना के तहत हुए इलाज का पूरा ब्योरा है।
इसमें कई चौंकाने वाले आंकड़े हैं। हालांकि, स्वास्थ्य विभाग इन आंकड़ों को सामान्य बता सकता है, लेकिन जानकार छोटे अस्पतालों को बड़ा भुगतान पर भी सवाल उठा रहे हैं। कैसे कोई छोटा अस्पताल कम क्लेम कर बड़े अस्पताल की बराबरी कर सकता है। पत्रिका ने विशेषज्ञों से जब बात कि तो इसमें अधिकारियों व अस्पताल की साठगांठ की बात कही। ये भी बात सामने आई कि योजना के तहत फ्री इलाज में गड़बड़झाला कोई नई बात नहीं है। कई मामलों में शिकायत भी हुई है, कार्रवाई भी हुई है, लेकिन बड़े मामलों में ऐसी कार्रवाई नहीं के बराबर है।
आंबेडकर अस्पताल में बीत वित्तीय वर्ष में 58522 मरीजों का इलाज किया गया। इसकी क्लेम राशि 105 करोड़ रुपए है। प्रदेश के सरकारी व निजी अस्पतालों में यह सबसे बड़ा है। एम्स में 72 व डीकेएस में 45 करोड़ रुपए का इलाज किया गया। इस तरह रायपुर के तीन बड़े सरकारी अस्पतालों में 222 करोड़ रुपए का इलाज किया गया।
जबकि क्लेम की संख्या एक लाख 4 हजार 900 है। आंबेडकर अस्पताल में डॉक्टरों को तगड़ा इंसेंटिव भी मिला है। कैंसर विभाग के डॉक्टरों को 35 करोड़, गायनी के 25 करोड़, सीटीवीएस के 12 करोड़ मिले हैं। ये पिछले तीन साल के इंसेंटिव है। नर्सिंग व पैरामेडिकल स्टाफ को भी इंसेंटिव देने का नियम है। 40 फीसदी राशि मुख्यमंत्री राहत कोष में काटी जाती है। आंबेडकर अस्पताल में इस मद से 40 करोड़ से ज्यादा राशि शासन के खाते में चली गई।
अस्पताल कुल क्लेम राशि करोड़ में
शंकराचार्य भिलाई - 18411 - 50
बालाजी रायपुर - 12251 - 40
बालगोपाल रायपुर - 5841 - 35
मित्तल रायपुर - 9809 - 28
श्री शिशु भवन बिलासपुर - 3185 - 26
होलीक्रॉस सरगुजा - 8938 - 25
बालको रायपुर - 7543 - 22
मित्तल भिलाई - 6999 - 20
अग्रवाल अस्पताल रायपुर - 3888 - 15
एमएमआई रायपुर - 3988 - 15
रामकृष्ण रायपुर - 11831 - 13
श्रीराम केयर बिलासपुर - 3102 - 12
आरबी बिलासपुर - 2273 - 12
श्रीकृष्णा राजनांदगांव - 2120 - 11
हाईटेक भिलाई - 2746 - 11
अस्पताल कुल क्लेम राशि करोड़ में
आंबेडकर रायपुर - 58522 - 105
एम्स रायपुर - 28619 - 72
डीकेएस रायपुर - 17759 - 45
मेकाज जगदलपुर - 18702 - 23
मेडिकल कॉलेज अंबिकापुर - 21807 18
सिम्स बिलासपुर - 19907 - 17
मेडिकल कॉलेज कोरबा - 14348 - 15
महारानी जगदलपुर - 15659 - 14
मेेडिकल राजनांदगांव - 12931 - 14
मेडिकल रायगढ़ - 19116 - 13
मेडिकल महासमुंद - 14116 - 12
जिला अस्पताल धमतरी - 14038 - 12
जिला बिलासपुर - 10669 - 10
जिला अस्पताल दुर्ग - 18752 - 10
जिला अस्पताल सुकमा - 7740 - 09
Updated on:
26 Jun 2024 12:23 pm
Published on:
26 Jun 2024 12:21 pm
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