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छत्तीसगढ़ के नाम एक और उपलब्धि, ‘मोर मयारू गुरूजी’ को मिला स्कोच अवार्ड

locationरायपुरPublished: Nov 24, 2022 12:12:02 pm

Submitted by:

Sakshi Dewangan

‘Mor Mayaru Guruji’ received Skoch Award: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेंड़िया ने पुरस्कार के लिए आयोग को बधाई दी है। उल्लेखनीय है कि स्कोच संस्था द्वारा नामांकन से लेकर अंतिम चरण तक लगभग 7 स्तरों पर चरणबद्ध तरीके से मूल्यांकन के बाद यह सम्मान दिया जाता है। मोर मयारू गुरूजी कार्यक्रम के माध्यम से आयोग ने प्रदेश के लगभग 2 हजार शिक्षकों को प्रशिक्षित किया है।

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‘Mor Mayaru Guruji’ received Skoch Award: छत्तीसगढ़ ने एक बार फिर राष्ट्रीय स्तर पर उपलब्धि हासिल की है। छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा संचालित मोर मयारू गुरूजी कार्यक्रम का चयन बुधवार को स्कोच अवार्ड के लिए किया गया है। राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग को यह अवार्ड नई दिल्ली में प्रदान कर सम्मानित किया जाएगा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेंड़िया ने पुरस्कार के लिए आयोग को बधाई दी है। उल्लेखनीय है कि स्कोच संस्था द्वारा नामांकन से लेकर अंतिम चरण तक लगभग 7 स्तरों पर चरणबद्ध तरीके से मूल्यांकन के बाद यह सम्मान दिया जाता है। मोर मयारू गुरूजी कार्यक्रम के माध्यम से आयोग ने प्रदेश के लगभग 2 हजार शिक्षकों को प्रशिक्षित किया है।

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राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग को स्कोच अवार्ड मिलने की घोषणा ऑनलाइन कार्यक्रम में की गई। इसमें देशभर से कई राज्य शामिल हुए। छत्तीसगढ़ से राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष तेजकुंवर नेताम, सदस्य पुष्पा पाटले, आशा संतोष यादव, संगीता गजभिये, सोनल कुमार गुप्ता, अगस्टीन बर्नाड और सचिव प्रतीक खरे भी कार्यक्रम में शामिल हुए।

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उल्लेखनीय है कि आयोग के ‘मोर मयारू गुरूजी‘ कार्यक्रम के माध्यम से शिक्षकों को बाल अधिकारों की रक्षा के लिए खेल एवं अन्य गतिविधियों के माध्यम से रोचक तरीके से प्रशिक्षण दिया जाता है। इस कार्यक्रम को रोचक तरीके से डिजाइन किया गया है। इसकी अवधि मात्र 2 से 3 घंटे ही रखी गई है, जिससे शिक्षक इसे आसानी से ग्रहण कर सकें। आयोग का यह मानना है कि एक शिक्षक और बच्चे का संबंध 5 वर्ष से 12 वर्ष तक रहता है और इस बीच शिक्षक के व्यक्तित्व का बच्चों पर गहरा प्रभाव पड़ता है। इसे ध्यान में रखते हुए बाल अधिकार सहित शिक्षकों द्वारा बच्चों से वार्तालाप करते समय और पढ़ाते समय किन बातों पर जोर देना है और किन कमियों को सुधारना है, इन सभी विषयों को मोर मयारू गुरूजी कार्यक्रम में शामिल किया गया है।

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