
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के डीकेएस सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के न्यूरोलॉजी विभाग के डॉक्टर महंगा इंजेक्शन मंगाकर भी उपयोग नहीं कर रहे हैं। यही कारण है कि ब्रेन स्ट्रोक के मरीजों को लगाए जाने वाले इंजेक्शन टेनेक्टेज 20 मिग्रा भी एक्सपायर हो रहा है। इस इंजेक्शन के एक डोज का बाजार मूल्य 40 से 50 हजार रुपए है। यह लाइफ सेविंग इंजेक्शन है, जो ब्रेन स्ट्रोक के मरीजों को समय पर लगाना है। इसके बावजूद डॉक्टर लापरवाही बरत रहे हैं।
पत्रिका ने 7 मार्च के अंक में एक्सपायर्ड इंजेक्शन लगाकर कहा- दो दिन ही हुए हैं, कुछ नहीं होता, इसके बाद मरीज को मार गया लकवा शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया है। समाचार प्रकाशित होने के बाद अस्पताल में इंजेक्शन की डिमांड व सप्लाई की जानकारी न्यूरोलॉजी विभाग से मंगाई गई है। आखिर इतना महंगा इंजेक्शन क्यों एक्सपायर हुआ, क्यों न्यूरोलॉजिस्ट ने इंजेक्शन सीजीएमएससी से मंगवाने के बाद भी ब्रेन स्ट्रोक के मरीजों को नहीं लगवाया, इसकी जांच की जा रही है। अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि न्यूरोलॉजिस्ट की मांग पर ही इंजेक्शन मंगाया जाता है।
इंजेक्शन नहीं होने का हवाला देकर स्टाफ मरीज के परिजनों से बाहर से इंजेक्शन मंगाने पर मजबूर करते हैं। अंदाजा लगाया जा सकता है कि एक गरीब परिवार कैसे 40 से 50 हजार रुपए का इंजेक्शन खरीद सकता है। इस मजबूरी का अंदाजा अगर स्टाफ व डॉक्टर कर लें तो महंगा इंजेक्शन एक्सपायर न हो।
ब्रेन स्ट्रोक के मरीजों को ही टेनेक्टेज 20 मिग्रा इंजेक्शन लगाया जाता है। औसतन हर माह 25 से 30 इंजेक्शन का उपयोग हो जाता है। कई बार संख्या 50 भी पहुंच जाती है। -डॉ. अभिजीत कोहट, एचओडी न्यूरोलॉजी, डीकेएस अस्पताल
सीजीएमएससी अस्पताल की डिमांड के अनुसार ही इंजेक्शन व दवा की सप्लाई करता है। देखना होगा कि आखिर डीकेएस में सप्लाई टेनेक्टेज 20 मिग्रा इंजेक्शन कैसे एक्सपायर हो गया। -पद्मिनी भोई साहू, एमडी सीजीएमएससी
Updated on:
08 Mar 2025 09:05 am
Published on:
08 Mar 2025 09:04 am
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