
छत्तीसगढ़ के 132 स्टूडेंट्स ने बनाया ऐसा अनोखा रिकॉर्ड, जिसे कोई नहीं चाहेगा तोड़ना
वेद सिंह/रायपुर. छत्तीसगढ़ में ओपन स्कूल में पढ़ाई कर रहे 132 स्टूडेंट्स ने एक ऐसा अनोखा रिकॉर्ड बनाया है, जिसे कोई भी स्टूडेंट तोडऩा नहीं चाहेगा। हम बात कर रहे हैं छत्तीसगढ़ राज्य ओपन स्कूल के स्टूडेंट्स की। छत्तीसगढ़ ओपन स्कूल के 132 स्टूडेंट्स 12वीं बोर्ड की परीक्षा में 9वीं बार शामिल हुए तब जाकर पास हुए। दरअसल, 10वीं - 12वी बोर्ड की परीक्षा के लिए छत्तीसगढ़ राज्य ओपन स्कूल में छात्रों को नौ दफा चांस दिया जाता है।
इसी के तहत स्टूडेंट्स ने हार नहीं नहीं मानी, पढ़ते रहे लगातार, मौका मिला नौ बार और पप्पू हो गए पास। छत्तीसगढ़ में नौ चांस में पास करने वाले 132 छात्र हैं जिन्होंने इस वर्ष बारहवीं की परीक्षा पास की है। जिसका फायदा राजधानी के दो छात्रों को मिला, जिन्होंने नौवीं दफा में बारहवीं की परीक्षा पास की।
ओपन स्कूल में अधिकांश ऐसे परीक्षार्थी होते हैं जो पढ़ाई में कमजोर, निम्नवर्ग या कामकाजी होते हैं। कुछ ऐसे भी छात्र हैं जिन्होंने बहुत पहले ही किसी कारणवश पढ़ाई छोड़ दी थी। ऐसे ही राजधानी के दो छात्र होटल में चाय पिलाने और गाड़ी दुकान में काम करते हैं।
परीक्षा के लिए मिलते हैं नौ चांस
ओपन स्कूल प्रबंधन के अनुसार एक छात्र को नौ दफा चांस दिया जाता है ताकि कोई भी शिक्षा से वंचित न हो पाए। इस वर्ष नौ बार का फायदा उठाते हुए 132 छात्र-छात्राएं ने 12वीं परीक्षा पास की है।
पिछली सत्र की परीक्षा में पकड़ाए थे 8 मुन्ना भाई
छत्तीसगढ़ ओपन स्कूल की 2017 दिसंम्बर की परीक्षा में 8 मुन्ना भाई पकड़ाए थे। तब खुलासा हुआ कि एक पेपर के लिए 500 से 1000 रुपए मिलते थे। जिसमें छात्र-छात्रा के साथ साथ डॉगा कॅालेज के खेल शिक्षक शामिल पाए गए थे।
होटल में चाय पिलाकर दी हायर सेकेण्डरी की परीक्षा
वर्ष 2018 की परीक्षा में कक्षा 12वीं में राजधानीे के डूण्डा गांव के छात्र ने 72.8 प्रतिशत अंक हासिल किया है। छात्र होटल में चाय पिलाने का काम करता है , हर बार एग्जाम के लिए आवेदन करता था और कई बार परीक्षा नहीं दे पाता था। आखरी चांस पता चलने पर बायोलॉजी विषय में परीक्षा दी और अच्छे नंबरों से पास हुआ।
बाइक रिपेयरिंग दुकान में काम करके पढ़ाई की पूरी
रायपुर के भाटागांव के छात्र ने 12वीं में 68.8 प्रतिशत अंक हासिल किए। गाड़ी दुकान में बाइक बनाने का काम करते हुए उन्होंने यह मुकाम हासिल किया। छात्र के माता-पिता मजदूरी करते हैं। भाटागंाव के रहने वाले छात्र को मैथ्स और साइंस पढऩे में रुचि थी।
बचपन में ही आर्थिक स्थिति खराब होने की वजह से पढ़ाई छूट गई, जिसके बाद ओपन स्कूल का रुख किया। हर बार किसी कारणवश परीक्षा देने से वंचित हो जाते थे लेेकिन आखरी चांस होने से परीक्षा देना जरूरी समझाा और 9वीं बार में ओपन स्कूल से 12वीं की परीक्षा पास करली।
राज्य ओपन स्कूल उपसचिव एनके अग्रवाल ने कहा कि कुछ वर्षों से ओपन स्कूल में परीक्षार्थियों की संख्या बढ़ रही है। छात्र काम करने के साथ-साथ पढ़ाई कर रहे हैं यह महत्वपूर्ण है।
आंकड़े एक नजर में
वर्ष विद्यार्थियों की संख्या
2012 78 हजार 767
2013 1 लाख 23 हजार 992
2014 1 लाख 24 हजार 313
2015 1 लाख 93 हजार 99
2016 1 लाख 63 हजार
2017 1 लाख 77 हजार 612
2018 1लाख 90 हजार 167
Published on:
04 Jun 2018 04:47 pm
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