
रायपुर . नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने देश के पिछड़ेपन के लिए छत्तीसगढ़ सहित पांच राज्यों की बदहाली को जिम्मेदार बताया है। नीति आयोग के इस बयान के बाद सियासत गरमा गई है। विपक्षी दलों ने मोदी सरकार को आड़े हाथों लिया है। वहीं, कांग्रेस के छत्तीसगढ़ प्रभारी पी.एल. पुनिया ने कहा कि भाजपा सरकार इसका जवाब दे। हालांकि, अमिताभ कांत ने बाद में ट्वीट कर डैमेज कंट्रोल की कवायद की और कहा कि छत्तीसगढ़ सुधार की ओर प्रयासरत है।
जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में पहले अब्दुल गफ्फार खान स्मारक व्याख्यान को संबोधित करते हुए अमिताभ कांत ने कहा कि देश के दक्षिणी और पश्चिमी राज्य तेजी से तरक्की कर रहे हैं, लेकिन बिहार, उत्तरप्रदेश, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों की वजह से देश पिछड़ा बना हुआ है। उन्होंने इन राज्यों में शिक्षा के गिरते स्तर और बढ़ती शिशु मृत्यु दर पर भी चिंता जताई।
इन सभी राज्यों में एनडीए सरकार
अमिताभ कांत ने जिन राज्योंं का जिक्र किया, उन सभी में भाजपा की सरकार है। छत्तीसगढ़ में 15 साल से, मप्र में 13 साल, राजस्थान में चार साल और उत्तरप्रदेश में एक साल से भाजपा सत्ता में है। बिहार में भी 10 माह से भाजपा-जदयू के गठबंधन की सरकार है।
मानव विकास सूचकांक में भी पीछे
अमिताभ कांत ने चैलेंजेज ऑफ ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया विषय पर कहा कि देश में व्यापार करने के मामले में तेजी से सुधार हुआ है, लेकिन हम मानव विकास सूचकांक में अभी पीछे हैं। इस मामले में दुनिया में 188 देशों में भारत का 133वां स्थान है।
भाजपा को भी देना चाहिए जवाब : पूनिया
कांग्रेस ने भारत के पिछड़ेपन के लिए छत्तीसगढ़ समेत पांच राज्यों को जिम्मेदार ठहराने संबंधी बयान देने के लिए नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि बेहतर होता, यदि वह इन पिछड़े राज्यों के विकास का ब्लूप्रिंट सामने रखते। कांग्रेस प्रवक्ता और छत्तीसगढ़ प्रभारी पी.एल. पूनिया ने कहा कि इन राज्यों में पिछले कई वर्षों से भाजपा या उसके सहयोगी दलों की सरकारें हैं। इन राज्यों के पिछड़ेपन के लिए भाजपा को भी जवाब देना चाहिए।
छत्तीसगढ़ सुधार की ओर प्रयासरत : अमिताभ
किरकिरी के बाद अमिताभ कांत ने डैमेज कंट्रोल की कवायद शुरू की है। उन्होंने ट्वीट किया कि मैंने हाल ही में छत्तीसगढ़ के बीजापुर और दंतेवाड़ा जिलों का दौरा किया। दोनों जिले महात्वाकांक्षी विकास के अद्वितीय उदाहरण हैं। पिछले दशक में छत्तीसगढ़ ने कई वर्षों से चल रहे विकास घाटे को पाटने और मानव विकास सूचकांक में सुधार लाने का निरंतर प्रयास किया है।
Published on:
25 Apr 2018 07:30 am
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