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पहली छत्तीसगढ़ी फिल्म के डायरेक्टर मनु नायक को इस कलाकार ने किया था चैलेंज

100 से ज्यादा फिल्मों कर चुके हैं एक्टिंग, पत्रिका से की खास बातचीत

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पहली छत्तीसगढ़ी फिल्म के डायरेक्टर मनु नायक को इस कलाकार ने किया था चैलेंज

वृंदावन हॉल में शिवकुमार दीपक का सम्मान करतीं लोक कलाकार।

ताबीर हुसैन @ रायपुर।छत्तीसगढ़ी फिल्मों में कॉमेडियन की फेहरिस्त में अगर कोई नाम टॉप पर है तो वह शिवकुमार दीपक। आज उम्र भले 87 हो चुकी है लेकिन उनकी अभिनय उनकी सांसों मे समाया है। उनका हर कदम मानो एक्टिंग के लिए समर्पित है। छत्तीसगढ़ की पहली फिल्म कहि देबे संदेश से अभिनय की शुरुआत हुई और घरद्वार में भी एक्टिंग की। छत्तीसगढ़ के इतिहास में ये दोनों फिल्में मील का पत्थर मानी जाती हैं। वृंदावन हॉल में गौरव विकास समिति की ओर से आयोजित सामाजिक प्रतिभा सम्मान में शिवकुमार को नवाजा गया। इस दौरान शिवकुमार ने पत्रिका से खास बातचीत में अपने फिल्मी कॅरियर को साझा किया।

बचपन में करते थे रामलीला

शिवकुमार बचपन से रामलीला देखते और उसमें अभिनय करते थे। सही मायने में रामलीला से ही अभिनय का जुनून जागा। पोटिया से मिडिल और दुर्ग से मेट्रिक के बाद रायपुर के दुर्गा कॉलेज में पढ़ाई। नाटकों में हमेशा रुझान रहा। रामचंद्र देशमुख ने मुझे नाचा-गम्मत में देखा था। उन्होंने चंदैनी गोंदा मंडली बनाई। उसमें लंबे वक्त तक काम किया। देशमुखजी के निधन के बाद म्युजिक डायरेक्टर खुमान साव ने मंडली को आगे बढ़ाया।

5 भाषाओं में किया काम

शिवकुमार ने छत्तीसगढ़ी के अलावा हिंदी, मालवी, भोजपुरी और अफगानी भाषा की फिल्में काम किया। उन्हें मया देदे मया लेले में कचरा के किरदार काफी सुर्खियां मिलीं।

ये हैं प्रमुख छत्तीसगढ़ी फिल्में

पठौनी के चक्कर, तीजा के लुगरा, तोर संग जीना संगी तोर संग मरना, तोर मया के मारे, छत्तीसगढिय़ा सबले बढिय़ा, महू दीवाना- तंहू दीवानी, मया देदे मयारू, मयारू भौजी, मया के चिठ्ठी, ए मोर बांटा, टुरी नंबर-1,परदेशी के मया, तोर मया के मारे।

बॉलीवुड की दो फिल्मे

शिवकुमार ने अपनी कलाकारी का लोहा बॉलीवुड में भी मनवाया। सुहागन में रजा मुराद के समधी बने तो हल और बंदुक में मुनीम का रोल प्ले किया। भोजपुरी फिल्म में गोविंदा के भांजे कृष्णा अभिषेक के साथ काम किया। कृष्णा और शिवकुमार की दोस्ती भी हुई। कृष्णा ने मुंबई बुलाया लेकिन जॉब और फैमिली के चलते वे स्थायी रूप से वहां नहीं जा पाए।

अधिकारी ने किया हमेशा सपोट

शिवकुमार बीएसपी में जॉब करते थे। उनकी प्रतिभा को देखते हुए उनके अधिकारी सपोर्ट किया करते थे। जब कभी शुटिंग के लिए कहीं जाना होता मना नहीं करते थे।

मनु नायक ने कहा था- ये कहां कर पाएगा मेरी फिल्म

शिवकुमार ने बताया, मनु नायक पहली छत्तीसगढ़ी मुवी कहि देबे संदेश के लिए कॉस्टिंग कर रहे थे। उन्होंने सारे कलाकार मुंबई से बुलाए थे। किसी के जरिए मैं उनसे मिला तो वे कहने लगे ये कहां कर पाएगा मेरी फिल्म। मैंने उन्हें चैलेंज किया कि नौ रसों में से कोई भी रस की एक्टिंग करवा लीजिए न कर पाऊं तब रिजेक्ट कर देना। उन्होंने मुझे दो सीन करने कहा और मैंने करके दिखाया तब मेरा सलेक्शन हुआ।


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