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दावा 100 बेड का, मौजूद सिर्फ 60 अब ये बनेगा पहला आदर्श अस्पताल

13 साल पहले जिला बने गरियाबंद के पास इलाज के नाम पर कुछ बड़ा है तो वह जिला अस्पताल है। कहने को यह 100 बेड का है। मौके पर 60 बेड ही मिल जाएं, बहुत है।

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दावा 100 बेड का, मौजूद सिर्फ 60 अब ये बनेगा पहला आदर्श अस्पताल

दावा 100 बेड का, मौजूद सिर्फ 60 अब ये बनेगा पहला आदर्श अस्पताल

गरियाबंद. 13 साल पहले जिला बने गरियाबंद के पास इलाज के नाम पर कुछ बड़ा है तो वह जिला अस्पताल है। कहने को यह 100 बेड का है। मौके पर 60 बेड ही मिल जाएं, बहुत है। आधे-अधूरे इंतजामों के साथ चल रहे इस अस्पताल को भाजपा सरकार आदर्श अस्पताल बनाने की तैयारी में है। अहम सवाल ये है कि सरकारी सौगात जमीन पर आकार लेगी भी या वैसा ही सब्जबाग साबित होगी जैसा लोगों ने जिला अस्पताल के लिए सोचा था।



बता दें कि हाल ही में विधानसभा सत्र के दौरान राजिम विधायक रोहित साहू के एक सवाल के जवाब में स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने बताया कि प्रदेश में 7 आदर्श अस्पताल खुलेंगे। इनमें गरियाबंद पहला होगा। 6.43 लाख की आबादी वाले गरियाबंद जिले के पास फिलहाल जिले में बेहतर इलाज का एकमात्र सहारा जिला चिकित्सालय है।
यहां भी वो सुविधाएं नहीं हैं जो एक जिला चिकित्सालय में होनी चाहिए। मसलन रेडियोग्राफर का पद तो है, लेकिन रेडियोग्राफर नहीं है। ऐसे में किसी को जांच करवानी हो या कोई रिपोर्ट दिखवानी हो तो सबसे नजदीकी शहर राजिम-नवापारा की दौड़ लगाने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचता।



यही हाल कॉर्डियोलॉजिस्ट का है। पद है। डॉक्टर नहीं। अब किसी के दिल में दर्द उठे तो मरीज को उसी स्थिति में एंबुलेंस बिठाकर राजधानी तक पहुंचाना टेढ़ी ख्ीर साबित होता है। इसके अलावा यहां मेडिसिन विशेषज्ञ भी नहीं है। इस वजह से लोगों के बीपी-शुगर का भी यहां इलाज नहीं हो पा रहा है। ये एक-दो दिन की कहानी नहीं है। जिला चिकित्सालय बनने के 13 सालों बाद भी समस्या जस की तस है। ऐसे में सरकार द्वारा हाल ही में की गई घोषणा कितनी पूरी होती है! इस पर सवाल उठने लगे हैं।



जगह की कमी तब भी समस्या थीऔर आगे चलकर भी बन सकती है
गरियाबंद जिला चिकित्सालय में 100 बेड स्वीकृत हैं। लेकिन, मौके पर 60 बेड ही मिलेंगे। इसका कारण ये कि इतनी जगह नहीं जहां 40 बेड लगाए जा सकें। रूम की की पड़ रही है इसलिए बेड भी नहीं लगाए जा रहे हैं। सरकार ने अब इसे आदर्श जिला चिकित्सालय बनाने की ठानी है। दावा है कि इसे एम्स की तर्ज पर विकसित किया जाएगा, जहां तमाम तरह के इलाज की सुविधा होगी। जाहिर है कि यहां तरह-तरह की जांच के लिए कई नई मशीनें भी लगाई जाएंगी। लेकिन, जब मरीजों को सुलाने के लिए ही बेड नहीं हैं तो मशीनों के लिए कहां से आएंगे! इसके लिए सरकार को हॉस्पिटल की नई बिल्डिंग बनवानी ही होगी।



विधायक ने माना- इलाज नहीं मिलने से हो रही है मौत
विधानसभा सत्र में विधायक रोहित ने राजिम विधानसभा के लोगों की पीड़ा बताते हुए कहा, गरियाबंद को जिला बने तकरीबन 13 साल हो चुके हैं। इसके बाद भी जिले के लोगों को छोटे-मोटे इलाज में लिए राजधानी के अस्पतालों पर निर्भर रहना पड़ता है। कई बार समय पर इलाज नही मिल पाने के कारण कई लोगों काल के गाल में समा जाते है। जिले में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओ की दरकार अभी भी बनी हुई है। उनके इसी बात का जवाब देते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने प्रदेश का पहला जिला चिकित्सालय गरियाबंद में बनाने की बात कही है। रोहित ने उम्मीद जताई है कि इस घोषणा के बाद जिले के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिलने लगेंगी।



जिले के लोगों की बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं दिलाना मेरी पहली प्राथमिकता है। इसी सिलसिले में मैंने विधानसभा में प्रश्न किया गया था। इसके जवाब में स्वास्थ्य मंत्री ने गरियाबंद में प्रदेश का पहला आदर्श जिला अस्पताल बनाने की बात कही है।
- रोहित साहू, विधायक, राजिम विधानसभा