
सवर्णों के 10 % आरक्षण के लिए CM भूपेश बघेल ने कहा - जल्द होगा फैसला, पढ़े क्या है खास
रायपुर। छत्तीसगढ़ में अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़ा वर्ग का आरक्षण बढ़ाए जाने के बाद आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण देने के लिए दबाव बढऩे लगा है। सामान्य वर्ग के विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने रविवार को सीएम हाउस जाकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात कर अपनी मांग रखी।
मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधिमण्डल से कहा, प्रदेश में किसी के साथ अन्याय नही होगा। विधि विभाग से इसपर रिपोर्ट मांगी गई है। उसके अध्ययन के बाद इस संबंध में फैसला लिया जाएगा। मुलाकात के दौरान वन मंत्री मोहम्मद अकबर और स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम भी मौजूद थे।
विभिन्न सामाजिक संगठनों का प्रतिनिधिमंडल रविवार की सुबह करीब 11 बजे सीएम हाउस पहुंचा। यहां कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेष नितिन त्रिवेदी भी उनके साथ शामिल हुए। सभी ने मुख्यमंत्री के सामने मांग रखी। माना जा रहा है कि नगरीय निकाय चुनाव की आचार संहिता लागू होने से पहले सवर्ण आरक्षण लागू करने की घोषणा हो सकती है।
अभी सिर्फ केंद्रीय भर्ती और पढ़ाई में लाभ
राज्य सरकार अभी संसद से घोषित आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को आरक्षण का लाभ नहीं दे रही है। केंद्र सरकार की नौकरियों और पढ़ाई के लिए जरूरी आय और संपत्ति प्रमाणपत्र बनाने के लिए तहसीलदार और एसडीएम को सक्षम अधिकारी बनाया गया है। इनसे मिले प्रमाणपत्र के आधार पर सामान्य लोग केंद्र सरकार की नौकरियों और शैक्षणिक संस्थाओं में 10 फीसदी आरक्षण का लाभ ले पाएंगे।
पड़ोसी राज्यों में लागू
केंद्र सरकार के सवर्ण आरक्षण को अब तक कई राज्यों ने अपने यहां लागू कर दिया है। इसमें पड़ोसी मध्य प्रदेश भी शामिल हैं। यहां की कमलनाथ सरकार ने इसे जुलाई में लागू कर दिया है। इसके अलावा गुजरात, उत्तर प्रदेश, हिमाचल, महाराष्ट्र, बिहार और असम जैसे राज्यों में भी सवर्ण आरक्षण लागू है।
इन्हें मिलेगा सवर्ण आरक्षण का लाभ
केंद्र सरकार के फैसले के मुताबिक जिनकी सालाना आय 8 लाख रुपयों से कम है, उन्हें इसका लाभ मिलेगा। आरक्षण का लाभ उठाने के लिए जरूरी है कि कृषि योग्य भूमि 2.02 हेक्टेयर से कम होनी चाहिए। 1000 वर्गफीट जमीन से कम में घर बना होना चाहिए। निगम क्षेत्र में आवासीय भूखंड 109 गज से कम और निगम क्षेत्र से बाहर 209 गज से कम होने चाहिए।
बैठकों का दौर शुरू
सामान्य वर्ग का एक धड़ा आरक्षण के लिए चरणबद्ध तरीके से शांतिपूर्ण आंदोलन की रणनीति तैयार करने में जुट गया है। सामान्य वर्ग हितरक्षा आंदोलन के बैनरतले जिलों में बैठकों का दौर शुरू हो गया है। अब तक दुर्ग, राजनांदगांव, अंबिकापुर, कोरबा, कवर्धा और बिलासपुर में बैठकें हो चुकी हैं।
सांसद सोनी ने कहा, जल्द करें लागू
सवर्ण आरक्षण में हो रही देरी को लेकर रायपुर सांसद सुनील सोनी ने सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा, गरीब सवर्णों को आरक्षण देने का कानून पारित हुए लंबा वक्त बीत गया। इसके बावजूद छत्तीसगढ़ सरकार इसे अब तक लागू नहीं कर सकी है। इसे जल्द लागू करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं खुद पिछड़ा वर्ग से आता हूं। इसलिए मुख्यमंत्री से मांग करता हूं कि वे स्पष्ट करें कि पिछड़ा वर्ग के लिए बढ़ाया गया आरक्षण विधि संगत है या नहीं। यदि यह विधि संगत नहीं है, तो सरकार को इस प्रकार की राजनीति से बचना चाहिए।
Published on:
18 Aug 2019 10:07 pm
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