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CM का दावा- GST 2.0 से हर वर्ग को राहत, ट्रैक्टर 63 हजार तक सस्ते, किसानों को सीधा लाभ…

CG News: रायपुर छत्तीसगढ़ कृषि प्रधान राज्य है। यहां किसानों को धान की कीमत भी सबसे अधिक मिलती है। ऐसे में जीएसटी के स्लैब में जो कमी की गई है, उससे प्रदेश के किसानों को बड़ा फायदा होगा।

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CM का दावा- GST 2.0 से हर वर्ग को राहत, ट्रैक्टर 63 हजार तक सस्ते, किसानों को सीधा लाभ...(photo-patrika)

CM का दावा- GST 2.0 से हर वर्ग को राहत, ट्रैक्टर 63 हजार तक सस्ते, किसानों को सीधा लाभ...(photo-patrika)

CG News: रायपुर छत्तीसगढ़ कृषि प्रधान राज्य है। यहां किसानों को धान की कीमत भी सबसे अधिक मिलती है। ऐसे में जीएसटी के स्लैब में जो कमी की गई है, उससे प्रदेश के किसानों को बड़ा फायदा होगा। नए ट्रैक्टर खरीदने पर किसानों को 63 हजार रुपए तक की बचत होगी। प्रदेश में जीएसटी 2.0 को लेकर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा, इसका असर सब जगह दिखेगा। जीएसटी के जो 4 स्लैब थे, उसको घटकर 2 किया गया है।

अब केवल 5 और 18 प्रतिशत का स्लैब है। पहले जो 28 प्रतिशत था, वह घटकर 18 हो गया है। इस तरह से 10 प्रतिशत की कटौती है। सीएम ने बस्तर दौरे से रवाना होने से पहले पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा, जीएसटी रिफार्म से हमारे अन्नदाता किसान भाइयों को भी बहुत लाभ होगा। कृषि उपकरण, कीटनाशक की कीमत काफी कम होगी, जिससे कृषि की लागत भी कम होगी और किसानों को फायदा होगा।

CG News: इसकी कीमत भी हो गई कम

इसी प्रकार पावर वीडर- 7.5 एचपी की कीमत अब 5,495 रुपए कम हो गई है। सीड कम फर्टिलाइजर ड्रिल- 11 टाइन अब 10,500 रुपये सस्ता मिलेगा। सीड कम फर्टिलाइजर ड्रिल - 13 टाइन 3,220 रुपए कम कीमत में मिलेगा। हार्वेस्टर कंबाइन पर अब 4,375 रुपए की बचत होगी। वहीं 14 फीट कटर बार का दाम सीधे-सीधे 1,87,500 रुपए कम हो गया है। स्ट्रॉ रीपर- 5 फीट अब 21, 875 रुपए सस्ता मिलेगा।

सुपर सीडर- 8 फीट खरीदने पर 16,875 रुपए बचेंगे। हैप्पी सीडर- 10 टाइन 10,625 रुपए सस्ता हो गया है। रोटावेटर- 6 फीट खरीदने पर 7,812 रुपए की बचत होगी। स्क्वायर बेलर- 6 फीट पर 93,750 रुपए कम होंगे। मल्चर- 8 फीट पर 11,562 रुपए की बचत होगी। न्यूमैटिक प्लांटर- 4 पंक्ति 32,812 रुपए कम कीमत में मिलेगा। वहीं ट्रैक्टर माउंटेड स्प्रेयर- 400 लीटर क्षमता भी 9,375 रुपए सस्ता मिलेगा।

जानकारी किसानों तक पहुंचाने की कोशिश

प्रदेश में 3 अक्टूबर से रबी फसल के लिए शुरू होने जा रहे विकसित कृषि संकल्प अभियान के दूसरे चरण की शुरुआत होगी। इस दौरान जीएसटी कम होने के लाभ की जानकारी किसानों तक पहुंचाने की कोशिश रहेगी, ताकि सही समय पर सही लाभ प्राप्त कर किसान भाई-बहन उन्नत खेती की ओर अग्रसर हो सके। इसके अलावा किसानों तक जीएसटी दरों में सुधारों के लाभ की जानकारी पहुंचाने के लिए विभिन्न संचार माध्यमों से व्यापक प्रचार-प्रसार भी किया जाएगा ताकि किसान जागरूक हो सकेँ।

जीएसटी दरों में कमी का असर

कृषि विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक ट्रैक्टर 35 एचपी अब 41,000 रुपए सस्ता हो गया है। ट्रैक्टर 45 एचपी अब 45,000 रुपए सस्ता मिलेगा। वहीं ट्रैक्टर 50 एचपी पर 53,000 रुपए और ट्रैक्टर 75 एचपी पर 63,000 रुपए की बचत होगी। बागवानी व निराई-गुड़ाई करने वाले छोटे ट्रैक्टर पर भी बचत होगी।

छोटे से लेकर बड़े ट्रैक्टर पर जीएसटी दरों में कमी के बाद कीमत कम हो गई है। धान रोपण यंत्र (4 पंक्ति- वॉक बिहाइंड) 15,400 रुपए कम हो गए हैं। 4 टन प्रति घंटा क्षमता वाला बहुफसली थ्रेसर अब 14,000 रुपए सस्ता हो गया है।

आम आदमी की बचत बढ़ेगी: किरण

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष किरण ङ्क्षसह देव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राष्ट्र के नाम संदेश को देश के नव-निर्माण के संकल्प के प्रति केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता का प्रामाणिक दस्तावेज बताया है। उन्होंने कहा, अब तक के सबसे बड़े कर-सुधारों में से जीएसटी में हुए कर-सुधार से आम आदमी के जीवन में अहम और सकारात्मक बदलाव आना तय है। केन्द्र सरकार के इस ऐतिहासिक निर्णय से आम आदमी की बचत बढ़ेगी और 6 लाख करोड़ रुपए की खपत बढ़ेगी। आम आदमी के जीवन-स्तर व देश के आर्थिक क्रांतिकारी मजबूती आएगी।

उत्सव कहना चोर के दाढ़ी में तिनका: बैज

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने जीएसटी रिफॉर्म को बचत उत्सव कहने पर तंज कसा है। उन्होंने कहा, 8 साल तक अनियमित जीएसटी लगाकर प्रदेश के गरीब, मध्यम वर्ग परिवार और किसानों से करोड़ों रुपए की वसूली की गई। गब्बर ङ्क्षसह टैक्स के कारण आम लोगों को आर्थिक चोट पहुंची। उनकी बचत खत्म हुई कर्जभार बढ़ा इसके लिए मोदी सरकार जिम्मेदार है।

उस दौरान कांग्रेस ने जीएसटी के अनियमित स्लैब को लेकर बार-बार सरकार से बदलाव करने की मांग की। जीएसटी को आम जनता व्यापर उद्योग के लिए आर्थिक विनाशकारी बताया। तब मोदी सरकार ने तानशाही करते हुए जीएसटी को दूसरी आजादी बताया था जबकि मनमानी ढंग से लगाई गई जीएसटी के कारण हर वर्ग ने कर की गुलामी को झेला है।