
स्कूली बच्चों को विचारधारा से जोडऩे की कोशिश में जुटी कांग्रेस (file photo)
रायपुर . छत्तीसगढ़ की सत्ता में काबिज होने के एक साल बाद कांग्रेस खुद को विचारधारा के स्तर पर मजबूत करने की कवायद में जुट गई है। पार्टी के विभिन्न आनुषांगिक संगठनों में इसके कार्यक्रम जारी हैं। इस बीच संगठन ने स्कूली बच्चों को भी अपनी विचारधारा से जोडऩे की कोशिश शुरू की है। नेहरु बाल मंच नाम के एक कम प्रसिद्घ संगठन को इसकी जिम्मेदारी दी गई है।
बताया जा रहा है, कांग्रेस से जुड़ा यह संगठन केरल में पिछले 12 वर्षों से स्कूली बच्चों के बीच काम कर रहा है। छत्तीसगढ़ में इसकी पहली बैठक रविवार को रायपुर के वीआईपी रोड स्थित एक होटल में हुई। इस बैठक में नेहरु बाल मंच के संयोजक जीबी हरि ने युवा कांग्रेस के पदाधिकारियों से संगठन की योजना के बारे में चर्चा की।
युवा कांग्रेस के प्रदेश महासचिव सुबोध हरितवाल ने बताया, छत्तीसगढ़ में युवा कांग्रेस को इस कार्यक्रम का आधार तैयार करने की जिम्मेदारी मिली है। यह गैर राजनीतिक काम होगा। इसके जरिए 17 साल तक के बच्चों को राष्ट्रीय आंदोलन, स्वतंत्रता संघर्ष और संविधान का पाठ पढ़ाया जाएगा। कोशिश होगी कि बच्चे भारत की एकता के मूल आधार को समझें, साम्प्रदायिकता से दूर रहें। कांग्रेस नेताओं का दावा है कि ऐसी कोशिशों से ही केरल के युवाओं में पार्टी का आधार बना हुआ है। वहां तमाम कोशिशों के बावजूद आरएसएस और भाजपा मजबूत राजनीतिक आधार नहीं बना पाई हैं।
नेहरु की पुण्यतिथि पर मिली थी सलाह
पिछले वर्ष 28 मई को पं. जवाहरलाल नेहरु की 55वीं पुण्यतिथि पर पर राजीव भवन में आयोजित व्याख्यान में चिंतक प्रो. पुरुषोत्तम अग्रवाल ने कांग्रेस को किराए की गाड़ी नहीं बनने की सलाह दी थी। उन्होंने कहा, कांग्रेस को गांधी-नेहरु के विचारों से अपना वाद बनाना होगा। उसके बाद से युवाओं और बच्चों में विचारधारा को पहुंचाने का रास्ता खोजने की कवायद तेज हुई।
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Published on:
10 Feb 2020 03:18 pm
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