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फंड की कमी: अब गोठानों से होगी आय, लागत बना रोड़ा तो एक में ही गोबर से पेंट बनाने की तैयारी

Paint from cowdung: जिले के गोठानों को आजीविका केंद्र के रूप में विकसित करने की दिशा में काम चल रहा है। इसके तहत गोबर से पेंट(Paint from cowdung)बनाने के लिए तीन गोठानों का चयन किया गया था। फंड की कमी के कारण अब सिर्फ एक गोठान में ही गोबर से पेंट बनाने की तैयारी है।

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फंड की कमी: अब गोठानों से होगी आय, लागत बना रोड़ा तो एक में ही गोबर से पेंट बनाने की तैयारी

फंड की कमी: अब गोठानों से होगी आय, लागत बना रोड़ा तो एक में ही गोबर से पेंट बनाने की तैयारी

Paint from cowdung: जिले के गोठानों को आजीविका केंद्र के रूप में विकसित करने की दिशा में काम चल रहा है। इसके तहत गोबर से पेंट(Paint from cowdung)बनाने के लिए तीन गोठानों का चयन किया गया था। फंड की कमी के कारण अब सिर्फ एक गोठान में ही गोबर से पेंट बनाने की तैयारी है।

रायपुर जिले के गोठानों में बन रहा पेंट
पिछले दिनों त्योहारी सीजन भी अच्छी आय की प्राप्ति हो रही है। जिले में पिछले एक वर्ष से गोबर से पेंट बनने का इंतजार हो रहा है। वर्तमान में बिरकोनी के गोठान में गौमूत्र में गोठान में बनाए गए पेंट की अच्छी मांग रही। रायपुर जिले के गोठान में गोबर से पेंट बनाया जा रहा है। इससे महिला समूह कोके माध्यम से जीवामृत और ब्रह्मास्त्र का निर्माण किया जा रहा है। जिसकी बिक्री भी हो रही है।

सी-मार्ट का प्रचार-प्रसार नहीं
गोठानों में बनाए गए उत्पाद व महिला समूहों के द्वारा बनाई गई सामग्री को बेचने के लिए सी-मार्ट की शुरुआत की गई है। यहां प्रचार-प्रसार नहीं होने से बिक्री कम हो रही है। शहर के मुख्य मार्ग पर सी-मार्ट में महिला समूह के द्वारा बनाए गए उत्पाद साबुन, मसाले, कीटनाशक, फिनायल आदि सामग्री रखी गई है। जिले में लगभग 550 से ज्यादा गोठान बनाए जा चुके हैं। अभी भी कई गोठान में पानी की व्यवस्था नहीं हो पाई है। इस वर्ष भी क्रेडा के माध्यम से गोठान में ही सोलर पंप लगाने का लक्ष्य दिया गया है। पिछले वर्ष 180 गोठानों में सोलर पंप लगाए गए थे।

मशीन के लिए 50 लाख की लागत
ग्रामीण औद्योगिक पार्क (रीपा) के तहत मशीन स्थापना की तैयारी चल रही है। गोबर से पेंट(Paint from cowdung) बनाने के लिए एक मशीन स्थापित करने में करीब 50 लाख रुपए की लागत आएगी। डीएमएफ फंड से मशीन की खरीदी की जाएगी। पूर्व में बिरकोनी के साथ-साथ गोड़बहाल और एक अन्य गोठान का चयन किया गया था। मशीन स्थापना में लागत ज्यादा आने के चलते अब एक गोठान में ही मशीन की स्थापना की जाएगी। गोबर से पेंट बनाने के लिए इस वर्ष फरवरी माह में प्रशिक्षण भी हो चुका है। लेकिन, जिन अधिकारियों ने जयपुर जाकर गोबर से पेंट बनाने का प्रशिक्षण लिया है, उन अधिकारियों का शहर से कहीं और स्थानांतरण भी हो गया है। केवल अब गोठान समिति से जुड़े लोग ही प्रशिक्षित हैं।

जिला पंचायत सीईओ एस आलोक ने बताया कि अधिकारियों के स्थानांतरण होने से गोबर से पेंट बनाने में कोई असर नहीं पड़ेगा। समिति के भी सदस्य प्रशिक्षित हैं। वहीं बिरकोनी के गोठान में ही गोबर से पेंट बनाने की तैयारी चल रही है। मशीन की लागत ज्यादा होने से एक गोठान में ही पेंट बनेगा। मशीन खरीदी के लिए प्रक्रिया चल रही है।