
Cryptocurrency
@गौरव शर्मा- कम समय में अधिक पैसा कमाने का सपना देखने वालों के लिए क्रिप्टोकरंसी (Cryptocurrency) नया अवसर लेकर आई है, लेकिन अधूरी जानकारी उनके लिए मुसीबत बनती जा रही है। क्रिप्टोकरंसी को अस्तित्व में आए 13 साल हो गए हैं, लेकिन आज भी अधिकांश लोग इसके बारे में बहुत कम जानकारी रखते हैं। खासकर इसकी माइनिंग को लेकर।
इसके बारे में यह प्रचलित है कि क्रिप्टोकरंसी (Cryptocurrency) की कीमतें रातों-रात आसमान छू सकती हैं। बस इसी के चक्कर में लोग फंस रहे हैं। दरअसल, गूगल प्ले स्टोर पर ऐसे कई एप्लीकेशन हैं जो बिटक्वाइन, बिटक्वारइन कैश, इथेरियम, बिनैंस, कारडानो, डिसेंटरलैंड जैसी महंगी क्रिप्टोकरेंसी की मुफ्त माइनिंग करने का दावा करते हुए यूजर को उकसाते हैं।
यूजर से कहते हैं कि एप्लीकेशन ओपन करने के बाद हर 4-6 घंटे में माइनिंग ऑप्शन पर क्लिक कर दें, जिससे क्रिप्टोकरंसी आपके खाते में एड होती जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं है। यह साइबर ठगों का नया पैंतरा हैं। इन ऐप के जरिए यूजर्स का पर्सनल डेटा चुराते है। फिर इसका दुरुपयोग करके ऑनलाइन ठगी करते हैं। रायपुर समेत छत्तीसगढ़ में ऐसे हजारों युवा हैं, जो इस तरह के एप्लीकेशंस का इस्तेमाल कर रहे हैं। कुछ युवा तो ऐसे भी हैं, जिनके मोबाइल पर इस तरह के 2 दर्जन से ज्यादा एप्लीकेशन इंस्टॉल हैं। और रातों-रात अमीर बनने के चक्कर में दिन-रात इसी में समय बिता रहे हैं। इसी बीच कई ऐप धीरे-धीरे बंद होने लगे, तो कुछ युवाओं ने पत्रिका से संपर्क किया। मामले में विशेषज्ञों से बात करने के बाद जो जानकारी सामने आई वो चौंकाने वाली है।
पॉपुलर क्रिप्टोकरेंसी मुफ्त नहीं मिलेगी, यह रिझाने का तरीका
ऐसा नहीं है कि कोई भी क्रिप्टोकरंसी मुफ्त नहीं मिलती। पॉपुलारिटी हासिल करने के लिए शुरुआती दौर में कई क्रिप्टोकरंसी मुफ्त बांटी गई। इसका सबसे प्रचलित तरीका रहा है एयरड्रॉप। इसमें लोगों को टास्क दिए जाते हैं जिसके तहत उस करेंसी की अपने सोशल मीडिया पेज पर मार्केटिंग करनी होती है। विशेषज्ञों के अनुसार, पहले ही पॉपुलर हो चुकी किसी भी क्रिप्टोकरंसी को प्रचार की जरूरत नहीं है। ठग जानते हैं कि लोगों को रिझाने का आसान तरीका है कि पॉप्युलर क्रिप्टोकरंसी की माइनिंग का झांसा दिया जाए।
पर्सनल डेटा चोरी कर थर्ड पार्टी को बेच रहे
प्ले स्टोर पर उपलब्ध कई एप्लीकेशन लोगों को एक महीने में लगातार माइनिंग करने पर तकरीबन आधा बिटक्वॉइन देने की बात कर रहे हैं। यानी एक महीने में 6.75 लाख रुपए की कमाई। ऐसे एप्लीकेशंस को तकरीबन हर 6 घंटे में एक्टिवेट करना होता है। विशेषज्ञों के अनुसार जब-जब हम इसे एक्टिवेट करते हैं, तब-तब हम उन्हें अपने सेलफोन का एक्सेस दे देते हैं। इसमें लोकेशन, मोबाइल नंबर, कॉन्टैक्ट, मैसेज, कॉल रिकॉर्ड से लेकर गैलरी तक का डेटा शामिल होता है।
माइनिंग के चक्कर में दिखा रहे विज्ञापन, खुद कर रहे कमाई
कई एप्लीकेशन में लोगों को हर बार माइनिंग ऑन करने से पहले आधा या एक मिनट का विज्ञापन दिखाया जाता है। इससे एक बात तो साफ है कि एप्लीकेशन लॉन्च करने वाला व्यक्ति विज्ञापन दिखाकर कमाई कर रहा है। लोग इसलिए यह देखकर ठगी का शिकार हो रहे होते हैं कि एप्लीकेशंस में एक ओर उन्हें टाइमर दिखता है और दूसरी ओर आपके अकाउंट में कितनी क्रिप्टोकरंसी एड हो रही है, यह दिख रहा होता है। लोगों को लगता है कि वे माइनिंग कर रहे हैं, जबकि वास्तव में केवल आंकड़े बढ़ रहे होते हैं। कोई क्रिप्टोकरंसी नहीं मिल रही होती।
ये फर्जी क्रिप्टो माइनिंग एप्स गूगल प्ले स्टोर से बाहर
बिट फंड्स- क्रिप्टो क्लाउड माइनर
बिटक्वॉइन माइनर- क्लाउड माइनिंग
बिटक्वॉइन- पूल माइनिंग क्लाउड वॉलेट
क्रिप्टो होलिक- बिटक्वॉइन क्लाउड माइनिंग
डेली बिटक्वॉइन रिवॉर्ड- क्लाउड बेस्ड माइनिंग सिस्टम
बिटक्वॉइन 2021
माइनबिट प्रो- क्रिप्टो क्लाउड माइनिंग एंड बीटीसी माइनर
इथेरियम- पूल माइनिंग क्लाउड
साइबर एक्सपर्ट मोनाली गुहा ने बताया कि कोई ऐप आपसे कितनी तरह की जानकारी चाहता है, जरूर देखिए: क्रिप्टोकरंसी को लेकर लोगों में बहुत भ्रम है। इसी का फायदा उठाते हुए कई फर्जी एप्लीकेशन भी बनाए गए हैं। प्ले स्टोर पर जब इन्हें अपलोड किया जाता है तो गूगल इनकी गलतियां नहीं पकड़ पाता क्योंकि तब इनमें कोई खामी नहीं होती। बाद में अपडेट के नाम पर कई मैलिशियस कोडिंग की जाती है जो निजी जानकारी के लिए खतरा पैदा करता है। एक बात का ध्यान रखें कि कोई एप्लीकेशन कितने तरह की अनुमति मांग रहा है। मसलन कॉल लॉग, मैसेज, फोटो, वीडियो, ऑडियो आदि। क्या यह जानकारियां साझा करना आपके लिए सुरक्षित होगा? इन बातों को ध्यान में रखते हुए ही ऐप का इस्तेमाल करें।
हर एप्लीकेशन फर्जी हो, जरूरी नहीं
जरूरी नहीं है कि क्रिप्टो माइनिंग का दावा करने वाला हर एप्लीकेशन फर्जी ही हो। हालांकि, जिस तरह कई एप्लीकेशन लंबे वक्त तक लोगों से माइनिंग करवाने के बाद बंद हो रहे हैं, उससे साफ है कि ये फर्जी रहे होंगे। शुरुआती दौर में एयरड्रॉप के जरिए क्रिप्टोकरंसी मुफ्त दी जाती है। इसके पीछे का कारण उस क्रिप्टो का प्रचार करना होता है। ऐसे में एप्लीकेशन पर माइनिंग के जरिए ज्यादा से ज्यादा लोगों को उस क्रिप्टोकरंसी से जोड़ने का तरीका माना जा सकता है। लोगों को इस विषय के बारे में अभी बहुत कम जानकारी है। ऐसे में जरूरी है कि पहले इस क्षेत्र के बारे में अच्छे से जानकारी जुटाएं, उसके बाद ही ऐप्स का इस्तेमाल करें।
- डॉ. पद्मावती श्रीवास्तव, ब्लॉकचेन एक्सपर्ट
Published on:
24 Nov 2022 11:59 am
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