
threatening allowance of electricians
कोरबा. गर्मी से पहले बिजली संयंत्रों का मेंटनेंस किया जा रहा है ताकि पीक अवधि में बिजली उत्पादन को लेकर किसी तरह की तकनीकी फॉल्ट न आए। 500 मेगावाट क्षमता वाली यूनिट के बंद रहने से सेंट्रल सेक्टर पर निर्भर रहना पड़ रहा है। हालांकि मड़वा की बंद एक यूनिट के परिचालन में आने के बाद दबाव काफी हद तक कम हो गया है।
इस बार मौसम जिस तरह तेजी से बदल रहा है उसकी वजह से तापमान में लगातार इजाफा हो रहा है। हर बार फरवरी से 15 मार्च तक बसंत माह के दौरान तापमान 30 डिग्री के आसपास रहता था, लेकिन इस बार ठंड के बाद सीधे गर्मी की दस्तक हो गई। फरवरी में मौसम के आधार पर उत्पादन कंपनी ने अनुमान लगाया था कि बिजली की डिमांड अधिकतम 4700 मेगावाट जा सकती है, लेकिन गर्मी की वजह से खपत बढ़ने लगी है। इसके कारण प्रदेश में बिजली की डिमांड 5300 के करीब जाने लगी है। प्रदेश में बिजली की कुल उत्पादन क्षमता 2840 मेगावाट है। पिछले पखवाड़े में मड़वा की एक यूनिट बंद थी। उसके चालू होने के ठीक दूसरे दिन एचटीपीपी विस्तार की 500 मेगावाट क्षमता की एक यूनिट को मेंटनेंस के लिए मिनी शट डाउन किया गया है। शनिवार को भी बिजली की डिमांड 5250 मेगावाट को पार कर गई थी। इस स्थिति में करीब तीन हजार मेगावाट बिजली सेंट्रल से लेनी पड़ रही है।
हर महीने डिमांड 9 फीसदी बढ़ने की संभावना
बीते दो से तीन महीने में बिजली की डिमांड प्रदेश में नौ से 10 फीसदी बढ़ रही है। अभी 5300 डिमांड जा रही है ऐसे में मार्च से लेकर जून तक 9 फीसदी के हिसाब से डिमांड छह हजार मेगावाट को पार जा सकती है। जो कि प्रदेश में बिजली की डिमांड का अब तक रेकार्ड होगा।
फिर से शॉर्टटर्म पॉवर पर्चेस करने की तैयारी
बिजली की आपूर्ति करने के लिए डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी द्वारा शार्टटर्म पॉवर पर्चेस करने की तैयारी में जुट गई है। पिछले बार निकाले गए टेंडर में प्रति यूनिट 11 रूपए आने की वजह से कंपनी ने निरस्त कर दिया था। अब दूसरी बार फिर से टेंडर करने की तैयारी है। बिजली की उपलब्धता सौ फीसदी रखने के लिए तैयारी की जा रही है।
Published on:
26 Feb 2023 03:02 pm
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