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CG News: जर्मनी-अमरीकी छात्रों ने खेला खो-खो, देखी रामायण, विदेशी बच्चों ने कहा- भारत सिर्फ देश नहीं, अनुभव है

Raipur News: हवाई यात्रियों की संया और छत्तीसगढ़ की हवाई कनेक्टिविटी दूसरे राज्यों के प्रमुख शहरों को जोड़ने की मांग की गई है। साथ ही बताया गया है कि पिछले काफी समय से इसकी डिमांड की जा रही है।

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CG News: जर्मनी-अमरीकी छात्रों ने खेला खो-खो, देखी रामायण, विदेशी बच्चों ने कहा- भारत सिर्फ देश नहीं, अनुभव है

रेड कलर में अमरीका और जर्मनी के छात्र खो-खो खेलते हुए (Photo Patrika)

CG News: नया रायपुर के एक स्कूल में इन दिनों माहौल कुछ अलग है। यहां अमरीका और जर्मनी से आए छात्रों ने न सिर्फ भारतीय संस्कृति और परंपराओं को जाना, बल्कि खेलों, शिक्षा प्रणाली और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर भी खुलकर बात की। खो-खो और रामायण से लेकर बॉलीवुड और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तक, बच्चों ने हर पहलू को गहराई से समझा।

एनजीओ एसीओआरए के इंटरकल्चरल एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत जर्मनी और अमरीका से आए ये छात्र सात दिन रायपुर में रहेंगे। स्कूल चेयरमैन कैप्टन अंकुर ढिल्लो ने बताया कि एसीओआरए का मकसद है दुनियाभर में भेदभाव मिटाकर आपसी समझ और दोस्ती बढ़ाना। भारत का इससे जुड़ना गर्व की बात है। छात्रों ने कहा कि भारत सिर्फ देश नहीं बल्कि अनुभव है, जिसे यहां आकर ही समझा जा सकता है।

आधुनिकता और विविधता का संगम

जर्मनी से आईं 12वीं की छात्रा आर्या सैटसिंग ने कहा रामायण देखना हमारे लिए अनोखा अनुभव था। जर्मनी से आए 12वीं के छात्र मैक्सिमिलियन ने कहा कि खो-खो ने हमें टीमवर्क और फूर्ती का अहसास दिया।

टैरिफ वार का असर

टैरिफ वार और ग्लोबल पॉलिटिक्स पर भी बच्चों ने अपनी बात रखी। एक जर्मन छात्र ने कहा, जब देश आपसी व्यापार में टैरिफ बढ़ाते हैं, तो इसका असर युवाओं के भविष्य पर पड़ता है। हमें लगता है कि सहयोग की राह अपनानी चाहिए। वहीं एक अन्य छात्र ने कहा कि पढ़ाई के बाद दुनिया में कहीं भी काम करने का सपना है, लेकिन अगर ट्रेड वॉर बढ़े तो यह मुश्किल हो जाएगा।

एआई और रोजगार

पत्रिका से बातचीत में छात्रों ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को अवसर और चुनौती, दोनों बताया। उनका कहना था कि एआई शिक्षा और स्वास्थ्य में बड़ा बदलाव ला सकता है, लेकिन रोजगार पर असर को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। जरूरी है कि इंसान इसके कंट्रोल में रहे, बल्कि उसे सहायक के तौर पर इस्तेमाल करे।