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Dev Uthani Ekadashi 2023: देवउठनी एकादशी कल, 5 माह बाद जागेंगे देव, इस दिन से गूंजेगीं शहनाइयां

Dev Uthani Ekadashi 2023: इस बार पांच महीने बाद गुरुवार को देवउठनी एकादशी पर भगवान विष्णु योगनिद्रा से जागृत होंगे। इसके साथ ही शुभ मुहूर्त का इंतजार खत्म होने जा रहा है।

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Dev Uthani Ekadashi 2023: Dev Uthani Ekadashi tomorrow Raipur

देवउठनी एकादशी कल

रायपुर/बिलासपुर। Dev Uthani Ekadashi 2023: इस बार पांच महीने बाद गुरुवार को देवउठनी एकादशी पर भगवान विष्णु योगनिद्रा से जागृत होंगे। इसके साथ ही शुभ मुहूर्त का इंतजार खत्म होने जा रहा है। इसलिए अब चारों तरफ शहनाइयों की गूंज होगी। पंडितों के अनुसार सर्वार्थ सिद्धि और रवि योग में भगवान शालिग्राम और माता तुलसी का विवाह घर-घर तुलसी चौरा पर रचाने के लिए काफी उत्साह है, जिसे छोटी दिवाली भी कहा जाता है। देव जागने के साथ ही शादी-विवाह जैसे मांगलिक कार्यक्रम होने बाजारों में भी दिवाली जैसी मूव एक बार फिर होने जा रहा है।

इस बार अधिकमास होने के कारण एक महीने देरी से देव जागृत हो रहे हैं। इसलिए लोगों को देवउठनी एकादशी आने का इंतजार करना पड़ा। ऐसी मान्यता है कि इसी तिथि पर जगत के पालनहार भगवान विष्णु योगनिद्रा से जागृत होते हैं और साधु-संतों का चातुर्मास भी समाप्त होगा। देवउठनी एकादशी पर दो शुभ योग बन रहे हैं। महामाया मंदिर के पंडित मनोज शुक्ला के अनुसार सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग में रात 8.46 बजे से माता तुलसी के विवाह की धूम घर-घर में होगी। वहीं बिलासपुर के आचार्य गोविन्द दुबे के मुताबिक ऐसी मान्यता है कि सर्वार्थसिद्धि योग में यदि किसी कार्य शुरुआत की जाए तो उससे विशेष लाभ मिलता है। वही रवि योग का निर्माण तब होता है, जब सूर्य दसवें भाव में और दसवें भाव का स्वामी शनि के साथ तीसरे भाव में होता है।

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इन तारीखों में विवाह के शुभ मुहूर्त

इस साल देश भर में 23 नवंबर गुरुवार को देवउठनी एकादशी का पर्व मनाया जाएगा। लेकिन इसके शुभ मुहूर्त की शुरुआत 22 नवंबर रात 11 बज कर 3 मिनट से ही शुरू हो जाएगी। देवउठनी के साथ ही पिछले पांच महीनो से रुके मांगलिक कार्यों की भी शुरुआत होने जा रही है। आचार्य गोविन्द दुबे ने बताया, इस वर्ष और 2024 में विवाह के कई शुभ मुहूर्त हैं। नवंबर 27, 28, 29, दिसंबर 04, 07, 08 जनवरी 16, 18, 20, 21, 22, 30, 31 फरवरी 01, 04, 06, 14, 18, 19, 28 मार्च 02, 03, 04, 05, 06, 07 अप्रैल 18, 21, 22, 23 जुलाई 09, 11।

खरमास के बाद बनेंगे शादी के मुहूर्त

16 दिसंबर से खरमास की शुरुआत हो रही है, जो 14 जनवरी 2024 संक्रांति के दिन समाप्त होगी। इस अवधि में कोई भी शुभ कार्य करना निषेध माना गया है। 14 जनवरी के बाद विवाह के शुभ मुहूर्त मिलेंगे। वहीं 28 अप्रैल से 5 जुलाई तक शुक्र का तारा अस्त होने की वजह से विवाह के मुहूर्त नहीं हैं। 17 जुलाई 2024 को देवशयनी एकादशी के बाद से विवाह नहीं हो सकेंगे।

मांगलिक कार्यों से बाजारों में रहेगी धूम

देवउठनी एकादशी से मांगलिक कार्यों के लिए शुभ मुहूर्त शुरू हो रहे हैं। देव तिथि होने से इस दिन कई परिवारों में शादियां होंगी। क्योंकि पहले से मंगल भवन बुक किए जा चुके हैं। इसलिए बाजारों में एक बार फिर दिवाली जैसी रौनक रहेगी। विवाह संपन्न कराने पंडितों से लेकर बैंडबाजे, विवाह भवन, कैटरिंग के लिए बुकिंग भी तेज हो गई है।

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