
firecrackers shop
रायपुर. दीवाली (Diwali 2020) को सिर्फ 7 दिन शेष रह गए हैं। मगर, अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि प्रदेश में पटाखों पर प्रतिबंध लगेगा या फिर इनकी बिक्री जारी रहेगी। इस ज्वलंत मुद्दे पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) ने कहा कि अभी पटाखों पर प्रतिबंध को लेकर विचार नहीं किया गया है। सूत्रों की मानें तो सरकार 9 नवंबर को आने वाले एनजीटी के फैसले और उस पर पर्यावरण संरक्षण मंडल के सुझाव के बाद फैसला ले सकती है।
बहरहाल छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल ने अब यह पूरी तरह से स्पष्ट कर दिया है कि एनजीटी नईदिल्ली की बैंच 9 नवंबर को अपना अंतिम फैसला सुनाएगी। देर शाम तक पटाखों को लेकर नई गाइड-लाइन जारी कर दी जाएगी। मंडल के सदस्य सचिव ने 'पत्रिका' से बातचीत में कहा कि जब तक फैसला नहीं आ जाता, तब तक पटाखों पर प्रतिबंध नहीं है।
पर्यावरण संरक्षण मंडल से प्राप्त जानकारी के मुताबिक 2 नवंबर को एनजीटी के फैसले के मुताबिक पटाखें न जलाए जाएं। इसी आधार पर मंडल ने सभी कलेक्टर और पुलिस अधीक्षकों को पत्र लिखा था। मगर, पटाखा निर्माताओं, दुकानदारों ने एनजीटी में कारोबार में नुकसान को लेकर याचिका लगाई थी। जिस पर सुनवाई पूरी हो चुकी है, मगर फैसला 9 नवंबर तक के लिए सुरक्षित रखा गया है। मंडल की तरफ से यह भी कहा गया है कि कलेक्टर चाहें तो जिले की कोरोना संक्रमण की स्थिति को देखते हुए अपने अधिकारों का इस्तेमाल कर सकते है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, पटाखा प्रतिबंधित करना हल नहीं
स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने पटाखों के प्रतिबंध को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि प्रतिबंध करना हल नहीं है। सरकार कब तक प्रतिबंध लगाएगी। क्या कोविड के समय सरकार को आवश्यकता है कि वह निर्णय ले...। हम खुद सतर्क रहें। गौरतलब है कि प्रदेश में पटाखों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने की मांग हर तबके से उठ रही है। खासकर डॉक्टरों से जुड़े संगठन कोरोना मरीजों के हित में पटाखों पर रोक लगाने को लेकर सीएम को चिट्टी लिख चुके हैं। राज्य क्लाइमेंट चेंज के नोडल अधिकारी समेत स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने मंत्री से मिलकर स्थिति स्पष्ट की थी।
Published on:
08 Nov 2020 10:30 am
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