
रायपुर. राजधानी में दीपावली का पर्व गुरुवार को हर्षोल्लास से मनाया गया। सबसे पहले शहर के मंदिरों में मां लक्ष्मी, भगवान गणेशजी की धूमधाम से पूजा-अर्चना की गई। मां लक्ष्मी और जय गजानन के जयकारें लगाए गए। सुबह से ही लोग पूजा की तैयारियों में लगे रहे घर के मुख्य दरवाजे पर आम के पत्ते का तोरण, केले के पेड़ या पत्ते लगाए गए। महिलाओं ने अपने घर के दरवाजे पर सुंदर और आकर्षण रंगाली बनाईं। शाम के समय शुभ योग और अमृत योग और चर योग में लोगों ने माता लक्ष्मी की पूजा-अर्चना की। शहर के राधा-कृष्ण, मां लक्ष्मी और गणेश मंदिरों में विशेष सजावट की गई। महाअभिषेक, अनुष्ठान के साथ ही मां लक्ष्मी का विशेष श्रृंगार किया गया।
मां लक्ष्मी से सुख, शांति और समृद्धि के लिए देर रात तक मंदिरों में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। पंचामृत से महाअभिषेक के साथ ही श्री सुक्त के पाठ हुए। दीपमालाओं से घर का कोना-कोना दमक उठा। समृद्धि का प्रतीक धान की गुथी हुई बाली और कमल पुष्प से दुकानों की सजावट की गई। मां महालक्ष्मी को पूजन चौकी पर विराजकर विधि-विधान से पूजा-अर्चना कर सुख-समृद्धि की कामना की गई। अनेक प्रकार के पुष्प, फल, मिष्ठान आदि अर्पित कर सपरिवार लोग मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना किए। देर रात तक पटाखा, अनारदाना और फूल झडिय़ों, राकेट की गूंज सुनाई देती रही।
सिटी महाकालीबाड़ी में काली पूजा
रायपुर सिटी महा कालीबाड़ी एवं विश्वनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष दिप्तेश चटर्जी व महासचिव गौतम मजूमदार ने बताया कि दिवाली पर्व पर पंडरी गोविंद नगर स्थित काली मंदिर में मां काली का विशेष पूजन किया गया। पुष्पांजलि के बाद भोग लगाया गया।
शांति से मना पर्व
दीपावली का त्योहार नगर में शांतिपूर्वक मनाया गया। कही से भी कोई अप्रिय समाचार की खबर नहीं है। आग से जलने की छिट-पुट घटनाओं के बीच सुख और समृद्धि का पर्व धूमधाम से मनाया गया।
बारिश ने किया फीका
हालंाकि दीपावली के दिन गुरुवार को हुई तेज बारिश ने खुशियों पर थोड़ा ब्रेक लगाया। इससे दीपावली का बाजार प्रभावित हुआ। शहर के व्यापारी परेशान नजर आए, लेकिन दो घंटे की बारिश के बाद फिर वातावरण सामान्य हो गया और खरीदारी का दौर शुरू रहा।
Published on:
20 Oct 2017 12:46 pm
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