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क्या आपको नहाना आता है? हम बताते हैं नहाने का वैज्ञानिक तरीका

जी हां, यह प्रश्न सुनने के बाद आपके जेहन में ये बात जरूर उठ रही होगी ये कैसा सवाल हैं। लेकिन हम बताते हैं नहाने के वैज्ञानिक तरीका।

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क्या आपको नहाना आता है? हम बताते हैं नहाने का वैज्ञानिक तरीका

क्या आपको नहाना आता है? हम बताते हैं नहाने का वैज्ञानिक तरीका

जी हां, यह प्रश्न सुनने के बाद आपके जेहन में ये बात जरूर उठ रही होगी ये कैसा सवाल हैं। लेकिन हम बताते हैं नहाने के वैज्ञानिक तरीका। क्या आपने कभी अपने आसपास ध्यान से देखा या सुना है कि नहाते समय बुजुर्ग को लकवा मार दिया। दिमाग की नस फट गई (ब्रेन हेमरेज), हार्ट अटैक आ गया, छोटे बच्चे को नहलाते समय वो बहुत कांपता रहता है। डरता है और मां समझाती है कि नहाने से डर रहा है। दरअसल ऐसा नहीं है। असल में ये सब गलत तरीके से नहाने से होता है ।

जानिए वैज्ञानिक तरीके
- हमारे शरीर में गुप्त विद्युत् शक्ति रुधिर (खून) के निरंतर प्रवाह के कारण पैदा होते रहती है, जिसकी स्वास्थ्यवर्धक प्राकृतिक दिशा ऊपर से आरम्भ होकर नीचे पैरों की तरफ आती है।
- सर में बहुत महीनरक्त नालिकाएं होती हंै, जो दिमाग को रक्त पहुंचाती है।
- यदि कोई व्यक्ति निरंतर सीधे सर में ठंडा पानी डालकर नहाता है तो ये नलिकाएं सिकुडऩे या रक्त के थक्के जमने लग जाते हैं
- जब शरीर इनको सहन नहीं कर पाता तो ऊपर लिखी घटनाएं वर्षों बीतने के बाद बुजुर्गों के साथ होती है।
- सिर पर सीधे पानी डालने से हमारा सिर ठंडा होने लगता है, जिससे हृदय को सिर की तरफ ज्यादा तेजी से रक्त भेजना पड़ता है, जिससे या तो बुजुर्ग में हार्ट अटैक या दिमाग की नस फटने की अवस्था हो सकती है।
- ठीक इसी तरह बच्चे का नियंत्रण तंत्र भी तुरंत प्रतिक्रिया देता है जिससे बच्चे के कांपने से शरीर में गर्मी उत्पन्न होती है और मां समझती है की बच्चा डर रहा है।
- गलत तरीके से नहाने से बच्चे की हृदय की धड़कन अत्यधिक बढ़ जाती है स्वयं परीक्षण करिए।

नहाने का सही तरीका
- बाथरूम में आराम से बैठकर या खड़े होकर सबसे पहले पैर के पंजों पर पानी डालिए। रगडि़ए, फिर पिंडलियों पर, फिर घुटनों पर, जांघों पर पानी डालिए और हाथों से मालिश करिए।
- फिर हाथों से पानी लेकर पेट को रगडिएं। कंधो पर पानी डालिए, अंजुली में पानी लेकर मुंह पर मलिए। फिर हाथों से पानी लेकर सिर पर मलिए।
- इसके बाद आप शावर के नीचे खड़े होकर या बाल्टी सर पर उड़ेलकर नहा सकते हैं।
- इस प्रक्रिया में केवल 1 मिनट लगता है। लेकिन इससे आपके जीवन की रक्षा होती है। इस 1 मिनट में शरीर की विद्युत प्राकृतिक दिशा में ऊपर से नीचे ही बहती रहती है। क्योंकि विद्युत् को आकर्षित करने वाला पानी सबसे पहले पैरों पर डाला गया है।
- बच्चे को इसी तरीके से नहलाने पर वो बिलकुल कांपता डरता नहीं है।
- इस प्रक्रिया में शरीर की गर्मी पेशाब के रास्ते बाहर आ जाती है। आप कितनी भी सर्दी में नहाए कभी जुखाम बुखार नहीं होगा।