
Raipur Crime: अगर आपके मोबाइल में प्लस 92, प्लस 44 जैसे नंबरों से कॉल आए और कोई खुद को विदेशी नागरिक बताकर दोस्ती करे और फिर कारोबार या गिफ्ट भेजे, तो सावधान हो जाए। ये साइबर ठग हो सकते हैं। दरअसल, साइबर ठगी करने वाले अब वर्चुअल मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल कर रहे हैं। भारत में रहकर किसी दूसरे देश का वर्चुअल नंबर लेकर कॉल करते हैं। इसके बाद अपने झांसे में लेकर ऑनलाइन ठगी करते हैँ। साइबर ठगी में वर्चुअल मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल ज्यादा होने लगा है।
यह नंबर इंटरनेट कॉलिंग वाला होता है। इस कारण कॉल करने वाले को पकड़ना आसान नहीं होता। पिछले दिनों तिल्दा के एक कारोबारी के फेसबुक में लगातार अश्लील पोस्ट और वीडियो पोस्ट हो रहा था। इसमें भी इसी तरह के नंबर का इस्तेमाल किया गया था।
रायपुर सहित आसपास के जिलों के सैकड़ों लोग हर साल ऑनलाइन ठगी के शिकार होते हैं। पिछले साल भी 8 हजार से ज्यादा लोगों से ऑनलाइन ठगी हुई है। ठगों ने लाखों रुपए अपने बैंक खातों में ट्रांसफर किए। हालांकि पुलिस ने 60 लाख रुपए से ज्यादा राशि होल्ड भी कराया है।
वर्चुअल नंबरों के जरिए साइबर ठगी करने वाले दोस्ती करके या फिर किसी मामले में फंसाने की धमकी देकर रकम जमा करवाते हैं। वर्तमान में पाकिस्तान के कोड नंबर वाले वाट्सऐप कॉल और मैसेज ज्यादा आ रहे हैं। इसमें साइबर ठग खुद को पुलिस अफसर बताते हुए कॉल करते हैँ।
नाइजीरियन करते हैं ज्यादा इस्तेमाल: ऑनलाइन ठगी के लिए कुख्यात नाइजीरियन ठग भी अक्सर इसी तरह के नंबरों का इस्तेमाल करते हैं। फेसबुक में किसी सुंदर युवक या युवती का फोटो लगाकर चैटिंग करते हैँ। बाद में बातचीत करके युवक-महिलाओं को फंसाते हैं। इसके बाद उनसे रकम की वसूली करते हैं।
साइबर क्राइम एएसपी कवि गुप्ता का कहना है कि इस तरह के कॉल आने पर सावधानी से बातचीत करें। किसी भी तरह के लेन-देन नहीं करना चाहिए। कई सर्विस प्रोवाइड कंपनियां हैं, जो वर्चुअल नंबर देती हैं। उन तक पहुंचना थोड़ा कठिन होता है। हालांकि पुलिस साइबर ठगों का पता लगाने, उन्हें पकड़ने या पीड़ितों के रकम को लौटाने हर संभव तरीके अपनाती है।
Published on:
13 Apr 2024 01:58 pm
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