आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। एमबीबीएस में प्रवेश दिलाने के नाम पर हर साल छात्र-छात्राओं से धोखाधड़ी होती है। बता दें कि काउंसलिंग में शामिल हुए बिना एमबीबीएस में प्रवेश दिलाने के नाम पर हर साल छात्र-छात्राओं से ठगी होती है। परिजन बच्चों के भविष्य को देखते हुए झांसा देने वाले से ज्यादा पूछताछ भी नहीं करते हैं। वे चाहते हैं कि किसी तरह से उनके बच्चे का एमबीबीएस में दाखिला हो जाए। इसके चलते जितना पैसे मांगते हैं, उतना दे देते हैं।
पुलिस के मुताबिक नवा रायपुर में सेक्टर-30 निवासी वीणा सिंह की बेटी अक्षिता सिंह ने वर्ष 2024 में नीट परीक्षा दी थी। उतने अंक नहीं थे कि किसी सरकारी कॉलेज में एडमिशन हो जाए। इस बीच मोहित सामोरिका ने वीणा सिंह से संपर्क किया। इसके बाद किसी भी मेडिकल कॉलेज में उनकी बेटी को एमबीबीएस में एडमिशन दिलाने का झांसा दिया। वीणा आरोपी की बातों में आ गई। इसके बाद 31 जुलाई 2024 को मोहित ने उनसे सरकारी कॉलेज में एडमिशन कराने के एवज में 10 लाख 11 हजार रुपए ले लिए।
वीणा ने भी बेटी के भविष्य को देखते हुए मोहित को पैसे दे दिए। पैसे लेने के बाद भी आरोपी ने छात्रा का एडमिशन नहीं कराया। इसके बाद अपना मोबाइल बंद करके फरार हो गया। पीडि़त उनसे अपने पैसों की मांग करते रहे, लेकिन आरोपी ने रकम वापस करने से भी इनकार कर दिया। इसकी शिकायत पर राखी पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी का अपराध दर्ज कर लिया है।
देश के सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेजों में नीट की परीक्षा में शामिल हुए बिना प्रवेश नहीं होता है। प्रवेश परीक्षा के परिणाम के आधार पर चयन सूची जारी होती है। इसके बाद काउंसलिंग के जरिए कॉलेज और सीट अलाॅट की जाती है। इसके बाद भी लोग बिचौलिए पर भरोसा कर रहे हैं।
Published on:
20 Jun 2025 12:05 am