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CG News: डॉक्टर बनने का सपना चकनाचूर, एक करोड़ में सीट पक्की करने का दावा कर रहे थे एजेंट, बुकिंग में दिए 5 से 25 लाख फंसे

CG News: रावतपुरा सरकार मेडिकल कॉलेज में सीटें दिलाने का दावा कर रहे थे। इसके लिए एक करोड़ रुपए फीस तय की गई थी। ये फीस किस्तों में देनी थी। कॉलेज प्रबंधन भी 15 से 25 लाख रुपए तक एडवांस जमा कर रहे थे।

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डॉक्टरों (Photo Patrika)

डॉक्टरों (Photo Patrika)

CG News: एनआरआई कोटे से कुछ छात्रों का डॉक्टर बनने का सपना चकनाचूर हो गया है। दरअसल, मेडिकल माफिया या एजेंट 5 लाख एडवांस लेकर रावतपुरा सरकार मेडिकल कॉलेज में सीटें दिलाने का दावा कर रहे थे। इसके लिए एक करोड़ रुपए फीस तय की गई थी। ये फीस किस्तों में देनी थी। कॉलेज प्रबंधन भी 15 से 25 लाख रुपए तक एडवांस जमा कर रहे थे। एजेंट सीबीआई छापे के पहले सीटों की बुकिंग कर रहे थे, लेकिन अब एनएमसी ने कॉलेज में जीरो ईयर घोषित कर दिया है। यानी नए सेशन 2025-26 के लिए कॉलेज में एमबीबीएस कोर्स में एडमिशन नहीं हो पाएगा।

30 जून को सीटें बढ़ाने के लिए एनएमसी की टीम को रिश्चत देने के मामले में सीबीआई की टीम ने छापेमार कार्रवाई की थी। पत्रिका ने एजेंटों का स्टिंग किया था। इसमें ये बात सामने आई थी कि प्रदेश के 5 निजी मेडिकल कॉलेजों में एनआरआई कोटे की 103 सीटों के लिए बुकिंग की जा रही है, जबकि यह मामला हाईकोर्ट में भी चल रहा है। जनहित याचिका पर सुनवाई हो रही है और चिकित्सा शिक्षा विभाग ने इस कोटे में प्रवेश के लिए शासन से मार्गदर्शन भी मांगा है।

‘पत्रिका’ की पड़ताल में पता चला है कि हाईकोर्ट में मामला चलने के बाद भी एजेंटों के माध्यम से कुछ मेडिकल कॉलेज 25 लाख रुपए तक एडवांस जमा करवा रहे हैं, ताकि सीट पक्की की जा सके। एजेंटों ने एनआरआई कोटे के लिए 1 करोड़, 1.10 करोड़ व सवा करोड़ का पैकेज तय किया है। कुछ निजी कॉलेजों में सीटें पैक होने का दावा भी किया जा रहा है।

एनएमसी की कार्रवाई से एजेंटों की निकली हवा

जिन पैरेंट्स ने रावतपुरा मेडिकल कॉलेज के लिए सीटों की बुकिंग की है, अब वे पैसे के लिए एजेंटों का चक्कर लगाएंगे। एजेंटों का दावा है कि प्रदेश के दूसरे मेडिकल कॉलेजों में एनआरआई की ज्यादा सीटें नहीं बची हैं। कम सीटें बचने पर लेक्सी फेयर की तरह फीस बढ़ा दी जाती है। पिछले साल कुछ सीटें डेढ़ करोड़ रुपए तक बुक हुई थीं। पत्रिका ने पहले ही चेताया था कि एजेंट के झांसे में न आएं। प्रवेश नियम पर पेंच के बावजूद एजेंट पैरेंट्स को झांसे में लेते रहे। एमबीबीएस की 150 सीटों वाले कॉलेज में एनआरआई कोटे की 22 व 100 सीटों वाले कॉलेज में 15 सीटें आरक्षित हैं।