रायपुर

रविशंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी के इस फरमान से छात्रों में हड़कंप, सेमेस्टर परीक्षा में शामिल होने के लिए रख दी बड़ी शर्त

Pt. Ravishankar Shukla University raipur news : जो छात्र मनमर्जी से क्लास से गायब हुए और पढऩे से ज्यादा अन्य कामों को प्राथमिकता दी, उन छात्रों को परीक्षा से वंचित रहना होगा।

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Dec 02, 2022
File Photo

रायपुर. पंडित रविशंकर शुक्ल विश्ववद्यालय प्रशासन (Pt. Ravishankar Shukla University raipur) के एक फरमान से छात्रों में हड़कंप मच गया है। प्रशासन सेमेस्टर परीक्षा से क्लास में उपिस्थत ना होने वाले छात्रों पर सख्ती करने की तैयारी में है। परीक्षाएं इसी माह प्रारंभ होने वाली हैं। विवि प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जिन छात्रों की उपिस्थति 75 प्रतिशत से कम होगी, उन छात्रों को परीक्षा में शामिल होने नहीं दिया जाएगा। इस फरमान पर अमल करने के लिए विवि प्रशासन ने विभागाध्यक्षों से कक्षाओं में नियमित उपस्थिति न देने वाले छात्रों की जानकारी मांगी है।
कार्यवाही भी होगी
विवि प्रशासन ने बताया कि संबंधित विभागाध्यक्षों की ओर से विद्यार्थियों की उपस्थिति से जुड़ी यह जानकारी कार्यालय पहुंचने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। विवि प्रशासन यह जानना चाहता है कि आखिर विद्यार्थियों की उपस्थिति कम होने के क्या-क्या कारण हैं?
बीमार व जरूरतमंदों को मिलेगी राहत
विवि प्रशासन के अधिकारियों ने बताया, जो छात्र बीमार हो और जिन्हे वास्तविक रूप से अवकाश की आवश्यकता होगी। उन छात्रों का कारण जानने के बाद उनके संबंध में अंतिम निर्णय लिया जाएगा। ऐसे छात्रों को परिजनों की सहमति के बाद क्लास में प्रवेश मिलेगा।

पीजी काउंसिलिंग : सरकारी और निजी में 96 सीटें खाली
प्रदेश के सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेजों में पीजी सीटों पर स्टे राउंड के तहत शुक्रवार को प्रवेश का अंतिम दिन है। इसके बाद यदि सीटें खाली रहती हैं, वह शैक्षणिक सत्र 2022-23 में लैप्स हो जाएगी। जानकारी के अनुसार चिकित्सा शिक्षा संचालनालय ने स्टे राउंड में पीजी सीटों पर प्रवेश के लिए मेरिट के आधार पर 375 लोगों की सूची जारी है जबकि सरकारी और निजी कॉलेजों में क्लीनिकल और नॉन क्लीनिकल को मिलाकर कुल 96 सीटें खाली हैं, जिसमें मेरिट के आधार पर ही प्रवेश दिया जाएगा। सरकारी में 40 और निजी मेडिकल कॉलेजों में 56 सीटें खाली हैं। सबसे ज्यादा करीब 85 प्रतिशत सीटें नॉन क्लीनिकल की खाली है। जबकि, क्लीनिकल की 15 प्रतिशत खाली हैं।
बताया जाता है कि स्टे राउंड में क्लीनिकल की सीटें तो भर जाएंगी, लेकिन नॉन क्लीनिकल की सीटें 50 से 60 प्रतिशत सीटें खाली रहने का अनुमान है, क्योंकि पीजी में नॉन क्लीनिकल की सीटों पर प्रवेश के लिए बच्चें रुचि नहीं दिखाते हैं।

Published on:
02 Dec 2022 12:28 pm
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