
Chhattisgarh ED Raid Case: मनी लॉन्ड्रिंग मामले में IAS समीर विश्नोई, कारोबारी लक्ष्मीकांत तिवारी, सुनील अग्रवाल और सूर्यकांत तिवारी को अगले 12 दिन यानी 23 नवंबर तक के लिए अदालत ने न्यायिक रिमांड में भेजा है. इन सभी को रिमांड की अवधि पूरी होने के बाद गुरुवार को ईडी के विशेष न्यायाधीश अजय सिंह राजपूत की अदालत में पेश किया गया था. जिसमे जज अजय सिंह राजपूत ने ये फैसला सुनाया. इस फैसले के बाद कोयला कारोबारी सुनील की पत्नी जेल से रोते हुए बाहर निकलीं.
इससे पहले बचाव पक्ष की ओर से ईडी की कार्रवाई पर सवाल किए गए हैं और जमानत की मांग की गई है. ED ने अपनी कार्रवाई को जायज ठहराया है और जमानत का विरोध किया है. दोनों पक्षों के बीच बहस हो चुकी थी, लेकिन काफी देर बाद कोर्ट ने फैसला सुनाया. शुक्रवार को रायपुर के स्पेशल कोर्ट में ईडी के जवाब के बाद कोर्ट जमानत अर्जी पर फैसला सुनाया है. फिलहाल अब 12 दिन और आईएएस समेत 2 कारोबारियों की रात जेल में कटेगी और सूर्यकांत तिवारी ईडी के कस्टडी में रहेंगे.
अगली सुनवाई 23 नवंबर को
इस मामले में अब अगली सुनवाई 23 नवंबर को रायपुर कोर्ट में होगी. कोर्ट के आदेश के बाद सस्पेंड आईएएस समीर विश्नोई, कोयला कारोबारी सुनील अग्रवाल, लक्ष्मीकांत तिवारी और सूर्यकांत तिवारी जेल भेजा दिया गया. इस मामले में बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि कोर्ट ने 12 दिन जेल में रहेंगे साथ ही बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि उन्होंने कर्नाटक कोर्ट के स्टे के बाद जमानत की मांग की.
बचाव पक्ष के सीनियर एडवोकेट विजय अग्रवाल ने कल कहा था कि इस केस में उनके सभी क्लाइंट को छोड़ देना चाहिए. उन्होंने कहा था कि अगर कोर्ट को लगता है कि जमानत नहीं दी जा सकती तो उनको हाउस अरेस्ट में भेज दिया जाए, मगर उनको जेल में नहीं रखा जा सकता. वकील ने कल कहा था कि एलिगेशन है कि कोई मोबाइल तोड़ दिया गया और कागज खा लिया गया, वो कोई क्राइम नहीं है. उससे कोई मनी लॉन्ड्रिंग नहीं बनती है. 11 अक्टूबर से छत्तीसगढ़ में ईडी की कार्रवाई जारी है. इसमें चिप्स के सीईओ समीर विश्नोई के घर और दफ्तर में ईडी ने रेड किया था. इसके बाद ईडी ने कोयला ट्रांसपोर्ट परमिट से जुड़ी गड़बड़ियों में समीर विश्नोई पर आरोप लगाया था.
Updated on:
11 Nov 2022 07:37 pm
Published on:
11 Nov 2022 07:12 pm
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