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ट्रेनों की लेटलतीफी से छूट गई परीक्षा, परीक्षार्थियों का रायपुर स्टेशन पर हंगामा

छत्तीसगढ़ सिविल जज परीक्षा : तय समय से घंटों लेट पहुंचीं समता, अमरकंटक और टाटा इतवारी एक्सप्रेसदिल्ली समेत कई राज्यों से रायपुर आए थे छात्र, 37 सेंटरों पर आयोजित थी परीक्षातीनों ट्रेनें परीक्षा शुरू होने के बाद आतीं, छात्र पहले क्यों नहीं आए?

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रायपुर. ट्रेनों की लेट लतीफी से 2000 से ज्यादा परीक्षार्थी छत्तीसगढ़ सिविल जज की परीक्षा देने से वंचित रह गए। देश के अलग-अलग राज्यों के छात्रों ने रायपुर के लिए ट्रेन पकड़ी थी। रायपुर में इस परीक्षा के लिए 37 सेंटर बनाए गए थे। परीक्षा सुबह 10 बजे से शुरू हो चुकी थी। लेकिन, परीक्षार्थी शाम 5 बजे तक रायपुर पहुंचते रहे। फिर क्या था? स्टेशन पर ही बवाल कट गया। स्टूडेंट्स ने परिचालन अधिकारी का दफ्तर घेरकर जमकर नारेबाजी की।

बता दें कि छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग ने रविवार को सिविल जज के 48 पदों के लिए परीक्षा आयोजित की थी। इसमें शामिल होने के लिए दिल्ली व अन्य राज्यों के छात्र रायपुर आ रहे थे। ये समता, अमरकंटक और टाटा इतवारी एक्सप्रेस में सवार थे। ये ट्रेनें जब तक रायपुर स्टेशन पहुंचीं, परीक्षा खत्म हो चुकी थी। कई परीक्षार्थी लंबे वक्त से इस परीक्षा की तैयारी कर रहे थे। इनमें तो कई ऐसे थे जो छत्तीसगढ़ के ही थे और परीक्षा की तैयारी के लिए दिल्ली कोचिंग करने गए थे। ट्रेन लेट होने की वजह से एग्जाम छूटा तो सारा गुस्सा रेलवे के अधिकारियों पर ही फूट पड़ा। स्टेशन के वीआईपी गेट के पास बने कार्यालय के बाहर परीक्षार्थियों ने घंटों तक जमकर हंगामा किया।

राष्ट्रवादी युवक कांग्रेस का भी हंगामा, रेल मंत्री को ट्वीट कर जताया विरोध :
इधर, ट्रेन लेट होने की वजह से कई अभ्यर्थियों की परीक्षा से वंचित होने की सूचना पाकर राष्ट्रवादी युवक कांग्रेस ने भी रेलवे स्टेशन पर हल्ला बोला। स्टूडेंट्स के साथ न केवल घंटों रेलवे स्टेशन में हंगामा किया, बल्कि रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को ट्वीट कर विरोध भी दर्ज कराया। राष्ट्रवादी युवक कांग्रेस ने मांग की है कि भारतीय रेलवे की लापरवाही के चलते जो छात्र परीक्षा नहीं दे पाए, उन्हें दोबारा परीक्षा में बैठने का अवसर दिया जाए।

परीक्षा में शामिल हुए 49.4 प्रतिशत अभ्यर्थीं
परीक्षा देने के लिए 16492 छात्रों ने रजिस्ट्रेशन कराया था, इनमें 7849 परीक्षार्थीं परीक्षा देने पहुंचे और 8643 परीक्षार्थीं अनुपिस्थत रहे। व्यवहार न्यायाधीश की प्री-परीक्षा में जिले के परीक्षार्थियों की उपिस्थति 49.4 प्रतिशत रही। आयोग के अधिकारियों के अनुसार व्यवहार न्यायाधीश (सिविल जज) भर्ती प्रक्रिया तीन चरण में होगी। पहला चरण प्रारंभिक, दूसरा चरण मुख्य परीक्षा और तीसरे चरण में साक्षात्कार होगा।

रेलवे से मिली समय सारिणी के मुताबिक तीनों ट्रेनें सुबह 10 बजे के बाद रायपुर रेलवे स्टेशन आने वाली थीं। जबकि, पीएससी की परीक्षा ठीक 10 बजे से शुरू होनी थी, जो छात्र सालों से कॉम्पीटेटिव एग्जाम में शामिल होने की तैयारी कर रहे हैं, क्या उनका यह कर्तव्य नहीं बनता कि वे परीक्षा देने के लिए एक दिन पहले या कम से कम 4-6 घंटे पहले रायपुर पहुंचने का इंतजाम कर लेते। ऐसे में यदि ट्रेन लेट होती तो भी वे परीक्षा दिलाने से वंचित तो नहीं होते।

रविवार को तीन ट्रेनें रायपुर रेलवे स्टेशन में देरी से पहुंचीं। इसमें पीएससी की परीक्षा देने आए कुछ छात्र भी सवार थे। परीक्षा नहीं दे पाने की वजह से उन्होंने रेलवे के अफसरों के पास अपना विरोध दर्ज कराया है। -चंद्रशेखर महापात्रा, स्टेशन मैनेजर, रायपुर रेल मंडल