
CG News: आंबेडकर अस्पताल में मंगलवार की दोपहर तीसरे फ्लोर पर स्थित न्यू ट्रामा सेंटर के ओटी के बगल में एसी का कंप्रेशर फटने से आग लग गई। ओटी में तब एक 30 वर्षीय मरीज की हड्डी के फ्रेक्चर का ऑपरेशन चल रहा था। जब ओटी में धुआं भरा, तब खिड़की की कांच तोड़कर व ग्रिल काटकर मरीज को आनन-फानन में बाहर निकाला गया। उन्हें मेजर ओटी ले जाया गया। वहां पर मरीज की सर्जरी पूरी की गई। तभी मरीज के पास मौजूद एनीस्थीसिया के सेकंड ईयर के छात्र डॉ. सर्वप्रिया बेहोश हो गए।
ऑक्सीजन की कमी के कारण ऐसा हुआ। मरीज जनरल एनीस्थीसिया देने के कारण बेहोशी हालत में था इसलिए उन्हें कोई खास नुकसान नहीं हुआ। मरीज व पीजी छात्र को एचडीयू में भर्ती किया गया है। छात्र खतरे से बाहर है। घटना के बाद स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल मौके पर पहुंचे और अस्पताल प्रबंधन को जरूरी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि घटना में कोई हताहत नहीं हुआ है। सभी सुरक्षित हैं।
न्यू ट्रामा ओटी के ठीक बगल में 30 बेड का वार्ड भी है। गनीमत है कि दिवाली के कारण वार्ड पूरी तरह खाली था। नहीं तो बड़ी घटना हो सकती थी। ओटी में मरीज, ऑर्थोपीडिक व एनीस्थीसिया विभाग के पीजी छात्र थे। वे मरीज का ऑपरेशन कर रहे थे। जब ओटी में धुआं फैला, तब ऑपरेशन चल रहा था। आग की लपटें बढ़ने से धुआं भी बढ़ रहा था। इससे ओटी पूरी तरह धुआं-धुआं हो गया और दीवार व छत काली पड़ गई है।
धुआं व प्लास्टिक की बदबू से भी ओटी में मौजूद पीजी छात्र असहज महसूस कर रहे थे, लेकिन खिड़की की कांच व ग्रिल काटकर मरीज व पीजी छात्रों को बाहर निकाला गया। इसमें फायर ब्रिगेड व एसडीआरएफ के जवानों की भी बड़ी भूमिका रही। हालांकि पत्रिका की पड़ताल में पता चला है कि मरीज को बचाने में पीजी छात्रों की अहम भूमिका रही। घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर डीन डॉ. विवेक चौधरी, अधीक्षक डॉ. संतोष सोनकर मौके पर पहुंच गए थे।
नेहरू मेडिकल कॉलेज डीन डॉ. विवेक चौधरी ने बताया न्यू ट्रामा के ओटी में जब धुआं फैला तब हड्डी रोग के एक मरीज का ऑपरेशन चल रहा था। तत्काल मरीज को मेजर ओटी में शिफ्ट किया गया। वहां मरीज की सर्जरी पूरी की गई। घटना में कोई हताहत नहीं हुआ है। पीजी छात्र भी खतरे से बाहर है।
Updated on:
06 Nov 2024 02:41 pm
Published on:
06 Nov 2024 07:35 am
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