23 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

डेढ़ साल से कचना रेलवे फाटक का ओवरब्रिज टेंडर में उलझा, हर दिन हजारों लोग हो रहे परेशान

Chhattisgarh Hindi News : रेलवे स्टेशन से वाल्टेयर रेल लाइन डबल बन जाने के साथ ही कचना फाटक पर खतरा दो गुना ज्यादा बढ़ गया है।

2 min read
Google source verification
डेढ़ साल से कचना रेलवे फाटक का ओवरब्रिज टेंडर में उलझा, हर दिन हजारों लोग हो रहे परेशान

डेढ़ साल से कचना रेलवे फाटक का ओवरब्रिज टेंडर में उलझा, हर दिन हजारों लोग हो रहे परेशान

Chhattisgarh Hindi News : रायपुर. रेलवे स्टेशन से वाल्टेयर रेल लाइन डबल बन जाने के साथ ही कचना फाटक पर खतरा दो गुना ज्यादा बढ़ गया है। इसी बीच हर दिन हजारों लोग आवाजाही करने को मजबूर हैं। स्कूल बसें भी इसी फाटक से होकर निकलती हैं। दर्जनभर से ज्यादा कॉलोनियों से घिरा रेलवे फाटक जिस समय बंद होता है तो दोनों तरफ लोग ट्रैफिक जाम में फंसे रह जाते हैं।

यह भी पढें : खेत से लौट रहीं थीं महिलाएं, रास्ते में मिल गए 3 जंगली भालू , फिर..... हुआ रूह कंपा देने वाला वाकया

ऐसी मुसीबतों के बावजूद ओवरब्रिज निर्माण पीडब्ल्यूडी शुरू नहीं करा सका। जबकि 45 करोड़ की स्वीकृति डेढ़ साल पहले मिल चुकी है। चहेते ठेकेदार के फेर में ओवरब्रिज का टेंडर दांव-पेंच में ही उलझा हुआ है। इस दौरान टेंडर दो बार निरस्त किया गया।

यह भी पढें : शराब दुकान को हटवाने आमरण अनशन पर बैठ गईं महिलाएं, कहा - होती हैं ऐसी हरकतें, उठानी पढ़ती है परेशानियां

खतरे के बीच लोगों की आवाजाही

रायपुर-विशाखापट्टनम की मुख्य रेल लाइन का यह फाटक घनी आबादी से घिर चुका है। जब से रेल लाइन दोहरीकरण हुई है तो फाटक के पास पटरी पार करने की चौड़ाई भी दो गुना बढ़ गई है। ऐसे फाटक बंद होते तक लोग आवाजाही करते हुए देखे जाते हैं। रेलवे का यह ऐसा फाटक है, जिससे होकर दर्जनभर से ज्यादा यात्री ट्रेनों के साथ ही मालगाड़ियों का आना-जाना होता है। दिनभर में कई बार फाटक बंद होने से लोग परेशान होते हैं। यहां तक कि जानजोखिम में डालकर लोग बाइक पार करते रहते हैं।

5 साल में एक भी नया ब्रिज नहीं बना

फाटक पर रेलवे और लोक निर्माण विभाग संयुक्त रूप से ओवरब्रिज और अंडरब्रिज का निर्माण कराता है, परंतु पिछले पांच साल के दौरान एक भी नया ब्रिज नहीं बना। मुख्य रेललाइन पर न तो हीरापुर रेलवे क्रॉसिंग और न ही कोटा-भवानीनगर के लोगों को आवाजाही की सुविधा मिल पाई है।

ऐसी ही परेशानी से शंकरनगर, खम्हारडीह, विस क्षेत्र के लोग गुजर रहे हैं। कचना रेलवे फाटक पर ओवरब्रिज निर्माण की राशि स्वीकृति के बाद टेंडर प्रक्रिया में साल-दर-साल बीत रहा है। हैरानी ये कि पहला टेंडर 42 करोड़ में आने के बाद भी स्वीकृत के बजाय निरस्त कर दिया गया।

कचना रेलवे फाटक पर ओवरब्रिज बनाने के लिए अभी प्रक्रिया चल रही है। टेंडर फाइनल होने पर निर्माण शुरू होगा। इसी तरह हीरापुर और कोटा-भवानीनगर में भी ब्रिज निर्माण प्रस्तावित है।

बता दें कि दो साल पहले केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने मेडिकल कॉलेज सभागार में कचना रेलवे फाटक पर ओवरब्रिज निर्माण के लिए शिलालेख रखा था, लेकिन वह निर्माण आज तक शुरू नहीं हुआ।

सेंट्रल रोड फंड (सीआरएफ) से बनने वाले इस ओवरब्रिज का न तो टेंडर स्वीकृत हो रहा है न ही निर्माण का रास्ता खुल पाया। अब तीसरी बार जारी टेंडर फाइनल होने की प्रक्रिया का दावा किया जा रहा है।

पीडब्ल्यूडी ब्रिज डिवीजन के इंजीनियरों का कहना है कि ओवरब्रिज के लिए अभी शहर के लोगों को काफी इंतजार करना पड़ेगा। क्योंकि दिवाली के बाद ही निर्माण शुरू हो सकता है। अभी एजेंसी तय करने की प्रक्रिया शासन स्तर पर चल रही है।

ओवरब्रिज निर्माण के मामले में पीडब्ल्यूडी का लचर रवैया बना हुआ है। सत्ता परिवर्तन के बाद भी इसमें कोई सुधार नहीं हुआ है। यही वजह है कि फाफाडीह रेलवे क्रॉसिंग का अंडरब्रिज 5 साल में पूरा हुआ है। ऐसी स्थिति कचना रेलवे फाटक को लेकर निर्मित हो गई है।