
सीएम भूपेश ने लिया बड़ा फैसला, अब आपसी सहमति से भी आदिवासियों की जमीन नहीं ले सकेगी सरकार
रायपुर. प्रदेश आदिवासियों के लिए राहत वाली खबर यह है कि सरकार अब आपसी सहमति से भी उनकी जमीनों को नहीं ले सकेगी। गुरुवार को विधानसभा परिसर में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में इस संबंध महत्वपूर्ण फैसला लिया गया है। मंत्रिपरिषद ने भू-राजस्व संहित संशोधन विधेयक 2017 को खात्मा करने का फैसला लिया है।
इसमें कलक्टरों का अधिकार दिया गया था कि वो सरकारी प्रायोजन के लिए आपसी सहमति से आदिवासियों की जमीन क्रय कर सकते थे। विपक्ष में रहते हुए कांग्रेस और आदिवासी समाज ने इसका खुलकर विरोध किया था। विरोध के बाद पूर्ववर्ती सरकार ने इस फैसले को वापस ले लिया था, लेकिन इसे पूरी तरह से खात्मा नहीं हुआ था।
10 लाख आदिवासियों को जमीन से बेदखल करने का आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने देश के करीब 16 राज्यों के 10 लाख से अधिक आदिवासियों और जंगल में रहने वाले अन्य लोगों को जंगल की जमीन से बेदखल करने का आदेश दिया है। कोर्ट में दाखिल याचिका में मांग की गई थी कि पारंपरिक वनभूमि पर जिनके दावे कानून के तहत खारिज हो जाते हैं, उन्हें राज्य सरकारों द्वारा निष्कासित कर दिया जाना चाहिए।
मीडिया रिपोट्र्स के अनुसार अदालत ने कहा, ‘राज्य सरकारें यह सुनिश्चित करेंगी कि जहां दावे खारिज करने के आदेश पारित कर दिए गए हैं, वहां सुनवाई की अगली तारीख (27 जुलाई) को या उससे पहले निष्कासन शुरू कर दिया जाएगा।
Published on:
22 Feb 2019 09:07 am
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