
रायपुर . छत्तीसगढ़ में सामानों के अंतरराज्यीय परिवहन पर 1 फरवरी से ई-वे बिल सिस्टम लागू हो जाएगा। जबकि, राज्य के भीतर माल परिवहन के लिए इसे 1 जून से लागू किया जाएगा। इसके तहत जीएसटी के अंतर्गत करमुक्त वस्तुओं को छोड़कर परिवहन के लिए ई-वे बिल जरूरी होगा।
समाधान के लिए टोल फ्री नम्बर जारी
50 हजार रुपए से अधिक मूल्य के कंसाईनमेन्ट में ई-वे बिल नहीं होने पर जुर्माना का प्रावधान किया गया है। इसमें माल अथवा वाहन को कुर्क और जब्त करने का अधिकार भी शामिल है। वाणिज्यिक कर विभाग ने व्यापारियों, आमजन व ट्रांसपोर्टर की शंकाओं के समाधान के लिए टोल फ्री नम्बर 1800-233-5382 भी जारी किया है।
अधिकारियों ने बताया कि सभी राज्यों में वैट प्रणाली के अंतर्गत चेक पोस्ट या ई-वे बिल प्रणाली लागू थी। जीएसटी लागू होने पर चेक पोस्ट व्यवस्था पूरे देश से समाप्त कर सरलीकृत ई-वे बिल प्रणाली लागू की गई है। विभागीय अधिकारियों का मानना है कि, इससे कर प्रशासन में पारदर्शिता आएगी।
जुर्माना का कड़ा प्रावधान
ई-वे बिल नहीं होने की स्थिति में माल व वाहन जब्ती के साथ 100 प्रतिशत के बराबर पेनाल्टी भी लगेगी। यदि माल के मालिक सामने नहीं आते हैं, तो माल पर देय कर की राशि और माल के मूल्य का 50 प्रतिशत के बराबर शास्ति के भुगतान करने पर ही छोड़ा जा सकेगा।
बिल में ही होगी वैधता की अवधि
अधिकारियों ने बताया कि ई-वे बिल सिस्टम में नामांकन कराना होगा। विक्रेता, क्रेता व ट्रांसपोर्टर वेबसाइट में जाकर इसे जनरेट कर सकता है। जनरेट करने के लिए कंसाइनमेंट का इंवाइस, वाहन का नम्बर, रेलवे रसीद या जहाज का शिपिंग बिल का डाक्यूमेन्ट नम्बर की जरूरत होगी। ई-वे बिल की वैधता अवधि बिल में ही प्रदर्शित रहती है। 100 किलोमीटर के लिए 24 घण्टे तथा प्रत्येक 100 किलोमीटर के लिए अतिरिक्त एक दिन वैध रहेगा। 24 घण्टे की गणना ई-वे बिल जनरेट करने के समय से की जाएगी।
Updated on:
25 Jan 2018 06:02 pm
Published on:
25 Jan 2018 05:57 pm
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