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CM हाउस में हरेली तिहार की धूम, मुख्यमंत्री ने कहा- छत्तीसगढ़ की संस्कृति में सजीव और निर्जीव सभी के प्रति सम्मान

Hareli Tihar: हरेली तिहार छत्तीसगढ़ की परंपरा, प्रकृति और खेती-किसानी से जुड़ा ऐसा पर्व है, जो हमें अपने मूल से जोड़ता है। आज पूरा छत्तीसगढ़ हरेली की खुशी में डूबा है

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Hareli tihar 2025

किसानों की खुशहाली और समृद्धि हमारा प्रमुख ध्येय: मुख्यमंत्री साय ( Photo - DPR Chhattisgarh )

Hareli Tihar: रायपुर सिविल लाइन स्थित मुख्यमंत्री निवास में आज हरेली पर्व का गरिमामय आयोजन हुआ। त्यौहार मनाने के लिए पूरे परिसर को ग्रामीण परिवेश में सजाया गया था। (CG News) इस मौके पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि किसानों की खुशहाली और समृद्धि हमारी सरकार का मुख्य ध्येय है। हरेली तिहार छत्तीसगढ़ की परंपरा, प्रकृति और खेती-किसानी से जुड़ा ऐसा पर्व है, जो हमें अपने मूल से जोड़ता है। आज पूरा छत्तीसगढ़ हरेली की खुशी में डूबा है। मुख्यमंत्री निवास में भी यह पर्व पूरे उल्लास और पारंपरिक तरीके से मनाया जा रहा है।

Hareli Tihar: हमें भी प्रकृति का ख्याल रखना है..

उन्होंने कहा कि बस्तर से लेकर सरगुजा तक हरेली को मनाने का अपना-अपना अंदाज है। लेकिन सभी जगह इसका रंग एक ही है, आस्था और उत्साह एक ही है। जिस तरह प्रकृति हमारा ख्याल रखती है, उसी तरह हमें भी प्रकृति का ख्याल रखना चाहिए। हरेली केवल खेती-किसानी का त्यौहार नहीं है, बल्कि यह अपनी धरती की हरियाली और प्रकृति पूजा का भी त्यौहार है। छत्तीसगढ़ महतारी की कृपा हम सब पर बरसाती रहे और सभी किसान भाई खुशहाल रहें। यही मंगल कामना है।

उन्होंने कहा कि साय ने कहा कि हमारी सरकार ने किसानों को 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदने और 21 क्विंटल प्रति एकड़ की सीमा तय कर ऐतिहासिक निर्णय लिया है, जिससे किसानों को सीधा लाभ मिल रहा है। हम सभी ने 2047 तक विकसित छत्तीसगढ़ का सपना देखा है और इसके लिए हमने अपना विजन डॉक्यूमेंट भी बनाया है। हमारी सरकार राज्य से भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए पूरी तरह से प्रयास कर रही है।

हरेली त्योहार पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह ने कहा कि हरेली छत्तीसगढ़ की संस्कृति, परंपरा और किसान जीवन का उत्सव है। इस पावन अवसर पर मैं प्रदेशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं देता हूँ। यह त्योहार प्रकृति, कृषि और पशुधन से जुड़े हमारे जीवन मूल्यों की गूंज है। उन्होंने कहा कि ऐसा विश्वास है कि इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती स्वयं धरती पर आकर किसानों के बीच उपस्थित होते हैं और उनके खेतों का निरीक्षण करते हैं। यही कारण है कि इस दिन किसान अपने कृषि यंत्रों, हल-बैल और खेत-खलिहानों की पूजा करते हैं।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में आज छत्तीसगढ़ कृषि के क्षेत्र में ऐतिहासिक प्रगति कर रहा है। किसानों को समर्थन मूल्य पर धान खरीद और विभिन्न योजनाओं में 90 हजार करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया गया है। यह हिंदुस्तान में किसी भी राज्य द्वारा किसानों के लिए किया गया सबसे बड़ा कार्य है। यह दर्शाता है कि छत्तीसगढ़ में एक ऐसा मुख्यमंत्री है, जो केवल घोषणाएं नहीं करता, बल्कि धरातल पर किसानों के पसीने की कीमत चुका रहा है।

इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री अरुण साव, विजय शर्मा, स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, कृषि मंत्री राम विचार नेताम, राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा , महिला बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े, विधायकगण, निगम मंडल आयोग के अध्यक्ष सहित जनप्रतिनिधि एवं गणमान्य लोग उपस्थित थे।