
हाईकोर्ट ने खारिज की BSP की याचिका (Photo source- Patrika)
CG News: हाई कोर्ट ने डिवाइन लेबोरेटरी पर 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। यह कार्रवाई घटिया हिपेरिन इंजेक्शन की सप्लाई पर की गई है। इंजेक्शन को तीन साल के लिए ब्लैकलिस्टेड करने पर कंपनी ने सीजीएमएससी के आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। कंपनी की याचिका खारिज करते हुए कोर्ट ने जुर्माना लगाया है।
‘पत्रिका’ ने यह मामला लगातार उठाया था। दरअसल हिपेरिन इंजेक्शन गाढ़े खून को पतला करने के लिए लगाया जाता है। ओपन हार्ट सर्जरी व एंजियोप्लास्टी के दौरान इस इंजेक्शन का उपयोग किया जाता है। कंपनी ने इतना घटिया इंजेक्शन बनाया कि खून पतला ही नहीं हो रहा था। इससे हार्ट पेशेंटों पर खतरा बढ़ गया था।
कार्डियोलॉजी व कार्डियक सर्जरी विभाग ने प्रबंधन को पत्र लिखकर इंजेक्शन को घटिया बतया था। एंजियोप्लाटी प्रोसीजर के दौरान खून के थक्के जम रहे थे, जिससे मरीजों की जान पर खतरा बन रहा था। ऐसे में दोनों ही विभाग डिवाइन कंपनी के इंजेक्शन के बजाय बाजार से इंजेक्शन मंगवाकर मरीजों को लगा रहे थे।
ये इंजेक्शन लगाने से गाढ़ा खून या थक्का घुल रहा था। इससे साबित होता है कि हिपेरिन इंजेक्शन घटिया था। पत्रिका के लगातार मामला उठाने के बाद ही सीजीएमएससी ने ब्लैक लिस्टेड की कार्रवाई की है। सीजीएमएससी की एमडी पद्मिनी भोई साहू के अनुसार इस इंजेक्शन की क्वालिटी घटिया होने की गंभीर शिकायतें रायपुर व अंबिकापुर के अस्पतालों से मिली थीं। मरीजों की जान बचाने के लिए दवा व इंजेक्शन की क्वालिटी पर विशेष फोकस रहता है। इसलिए किसी भी शिकायत के बाद कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की जाती है।
Updated on:
23 Jul 2025 07:46 am
Published on:
23 Jul 2025 07:45 am
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