
स्वास्थ्य मंत्री के दौरे के बाद भी नहीं सुधरे हालात : डेंगू के कहर से 36 लोगों ने तोड़ा दम
भिलाई. प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री अजय चंद्राकर के डेंगू पीडि़तों की अब मौत बर्दाश्त नहीं करने की हिदायत देकर लौटने के बाद भिलाई में बालिका समेत एक युवती ने दम तोड़ दिया। मंत्री के लौटने के चार घंटे बाद ही एक पीडि़त बच्ची का ब्रैन डेड हो गया। उसके 12 घंटे बाद गुरुवार को सुबह साढ़े आठ बजे डाक्टरों ने बच्ची को मृत घोषित कर दिया।
शाम होते-होते एक और युवती ने दम तोड़ दिया। भिलाई में 31 जुलाई से 30 अगस्त के बीच 31 दिनों में डेंगू से 36 लोगों की मौत हो चुकी है। गुरुवार को हुई दोनों मौत में बड़ी लापरवाही सामने आई है।
पुलिस विभाग में एएसआइ सेक्टर-2 स्ट्रीट नंबर-2 निवासी उदयशंकर झा की 13 साल की बेटी वागीशा आठ दिन से डेंगू बीमारी से लड़ रही थी। बिन मां की बच्ची वागीशा को बुखार आने पर २२ अगस्त को शहर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अस्पताल के डॉयरेक्टर डॉ.संजय गोयल ने बताया, वागीशा का हार्ट,लीवर और किडनी ने संक्रमण की वजह से काम करना बंद कर दिया था। बुधवार की देर रात ब्रेन ने भी काम करना बंद कर दिया। गुरुवार को सुबह उसने दम तोड़ दिया। भिलाई में सेक्टर-2 में ही डेढ़ माह पूर्व सबसे पहले डेंगू के तीन मरीज मिले थे। तीनों को उपचार सेक्टर-9 अस्पताल में चला। तीन मरीज मिलने के बाद बीएसपी नगर प्रशासन विभाग की टीम ने सर्वे किया। उसके बाद सर्वे टीम वहां दोबारा नहीं गई। गुरुवार को वागीशा की मौत के बाद टीम फिर दौरा किया।
इधर, सेक्टर-५ सडक़-३१ निवासी बीएसपी कर्मी जयराम साहू की 24 वर्षीय पुत्री मेघा साहू ने बुखार आने पर सोमवार को सेक्टर-९ में जांच करवाई थी। जांच में रिपोर्ट पॉजीटिव आया। जयराम ने बताया कि प्लेटलेट्स ठीक है बोलकर डॉक्टर ने उसे घर वापस भेज दिया। मेघा सिकलसेल से पहले से पीडि़त है। बताने पर भी डॉक्टर ने भर्ती नहीं किया। दूसरे दिन तबीयत बिगडऩे पर फिर गए तो डॉक्टर ने बुधवार को आने के लिए कहा। मंगलवार देर रात करीब २ बजे शरीर में दर्द होने से मेघा रोने लगी। बुधवार की सुबह ४ बजे सेक्टर-9 हॉस्पिटल लेकर पहुंचे, जहां चिकित्सकों ने बी-1 में दाखिल कर दिया। शाम को उसने दम तोड़ दिया।
Published on:
31 Aug 2018 10:28 am
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