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अब बिलासपुर से नागपुर के बीच बढ़ेगी ट्रेनों की स्पीड, ट्रैक नवीनीकरण के लिए 570 करोड़ मंजूर

पिछले साल बजट के बाद भी नहीं बन पाई थी 160 KM रफ्तार से चलने लायक रेल लाइन, इस वर्ष मिला ट्रैक नवीनी के लिए मिला 570 करोड़।

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अब बिलासपुर से नागपुर के बीच बढ़ेगी ट्रेनों की स्पीड, ट्रैक नवीनीकरण के लिए 570 करोड़ मंजूर

अब बिलासपुर से नागपुर के बीच बढ़ेगी ट्रेनों की स्पीड, ट्रैक नवीनीकरण के लिए 570 करोड़ मंजूर

रायपुर. दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे अपनी मेन लाइन पर 160 किमी की रफ्तार से गाड़ी चलाने के लिए ट्रैक सेफ्टी का काम नहीं करा पाया। जबकि पिछले बजट में सबसे अधिक फोकस बिलासपुर से नागपुर रेल लाइन पर ही किया था। इसके लिए पहले 383 किमी फिर उसमें बढ़ोतरी करते हुए 75 किमी रेल लाइन के दोनों तरफ फेंसिंग के लिए अतिरिक्त स्वीकृति दी गई थी। लेकिन उस पर एक साल बाद भी रेलवे खरा नहीं उतरा। मुश्किल से रायपुर रेल मंडल में 25 से 30 किमी ही यह काम हो पाया है। इस बार के बजट में रेल लाइन के पुराने ट्रैक की जगह नया ट्रैक करने के लिए 570 करोड़ का प्रावधान बजट में है।

रेल अफसरों की मानें तो बिलासपुर रेलवे जोन को इस बार 5030.56 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। मुख्य रूप से नई रेल लाइन के लिए 2177.20 करोड़ रुपए मिला है। जबकि पिछले साल 4646.85 करोड़ रुपए मिला था, जिसमें नई रेल लाइन के लिए 1882.40 करोड़ का प्रावधान है। यानी इस बार दो हजार करोड़ अधिक है। इससे साफ है कि रेलवे की नई रेल लाइन और लंबे समय से दोहरीकरण और अमान परिवर्तन वाले कार्यों को गति मिलेगी। केंद्री से धमतरी-बलौद रेल लाइन ब्राडगेज में बदलने की संभावना बढ़ी है। इसके लिए टेंडर भी जारी किया जा चुका है, लेकिन निर्माण में तेजी नहीं आई। ऐसी ही स्थिति रायपुर-वाल्टेयर रेल लाइन का है। इस रेल लाइन का दोहरीकरण और विद्युतीकरण वर्ष 2007 से चल रहा है। जो रायपुर रेल मंडल के लखौली सेक्शन से रायपुर की तरफ अटका हुआ है। जबकि यह काम संबलपुर रेल डिवीजन में पूरा कर लिया गया है।

गाडिय़ों की स्पीड बढ़ाना बड़ी चुनौती
रेल अफसरों के सामने गाडिय़ों की स्पीड बढ़ाना बड़ी चुनौती बनी हुई है। रायपुर, बिलासपुर और नागपुर रेल लाइन पर यात्री ट्रेनों के अलावा मालगाडिय़ों की आवाजाही का सबसे अधिक दबाव बना हुआ है। इससे 10 से 12 वर्षों में ही पटरी बदलने लायक हो जाती है। इसे देखते हुए बिलासपुर जोन को इस मद में वर्ष 2020 के लिए 570 करोड़ मिला है। माना जा रहा है कि इस दिशा में मेन रेल लाइन पर सबसे अधिक काम होगा। तब जाकर गाडिय़ों को स्पीड से चलाया जा सकेगा।

सिलयारी और उरकुरा क्रासिंग का रास्ता साफ
रायपुर रेल मंडल की सिलयारी, उरकुरा और कचना रेलवे फाटक पर ओवरब्रिज और अंडरब्रिज बनाने की संभावना बढ़ी है। बजट में 368.39 करोड़ रुपए बिलासपुर जोन को मिला है। रायपुर रेल मंडल द्वारा रायपुर-बिलासपुर रेल लाइन के सबसे बड़े फाटक पर ट्रैफिक का सर्वे कराया जा चुका है। अफसरों का कहना है कि रेलवे और लोक निर्माण विभाग के संयुक्त बजट से ब्रिज बनाने की प्रक्रिया शुरू की गई है।

नया रायपुर रेल लाइन दो साल में
नवा रायपुर और पुराने रायपुर को रेल सेवा से जोडऩे के लिए 2815 से मंदिर हसौद से केंद्री तक नई रेल लाइन का काम चल रहा है। यह प्रोजेक्ट 100 करोड़ था। जिसे 2018 में ही पूरा किया जाना था। लेकिन यह रेल लाइन अभी अधूरी है। अफसरों का कहना है कि 2022 तक नवा रायपुर में रेल लाइन दौडऩे लगेगी।

रेल अधोसंरचना के कार्य में तेजी आएगी। सुरक्षा और संरक्षा को देखते हुए ट्रैक नवीनी के लिए 570 करोड़ का प्रावधान है। पुरानी योजनाओं को पूरा करने में तेजी आएगी। रेलवे फाटक पर आरयूबी और आरओबी बनाने के लिए बजट मिला है।
तन्मय मुखोपाध्याय, सीनियर डीसीएम, रेलवे