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तीन साल में भी नहीं बना इंद्रप्रस्थ, अब अतिरिक्त लागत और टैक्स का बोझ आम आदमी पर

इंद्रप्रस्थ प्रोजेक्ट के एलआईजी फ्लैट्स पर एक नजरफ्लैट का मूल्य : 7.33 लाख 2016 के बाद फ्लैट का वास्तविक मूल्य : 8.04 लाखअतिरिक्त लागत : 70 हजार से अधिक जीएसटी- 42900 रुपएरख-रखाव एकमुश्त (7.5 फीसदी)-60349 रुपएसरचार्ज/ब्याज : 22351 रुपएएलआईजी- 944ईडब्ल्यूएस-1472

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रायपुर . रायपुर विकास प्राधिकरण (आरडीए) के प्रोजेक्ट इंद्रप्रस्थ फेस-2 रायपुरा में आवंटितियों को लेटलतीफी का खामियजा भुगतना पड़ रहा है। 77 हजार रुपए अतिरिक्त राशि के लिए लोगों को नोटिस भेजा जा रहा है। आरडीए के मुताबिक यह अतिरिक्त लागत नियम व शर्तों में उल्लेखित हैं, जिसमें पजेशन के समय अंतिम लागत का नोटिस आवंटिति को भेजा जाएगा।

इंद्रप्रस्थ मामले में आवंटितियों ने आरडीए पर प्रोजेक्ट में लेटलतीफी का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि प्रोजेक्ट दिसंबर 2019 में हैंडओवर हो जाना था, लेकिन आरडीए की लापरवाही का खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है। इसकी वजह से एलआईजी फ्लैट्स में 70 हजार रुपए से अधिक, जीएसटी सहित टैक्स मिलाकर 2 लाख के करीब राशि का अतिरिक्त भुगतान करना पड़ रहा है। इसके बिना फ्लैट की रजिस्ट्री नहीं की जाएगी।

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गौरतलब है कि इंद्रप्रस्थ प्रोजेक्ट में 2000 से अधिक फ्लैट्स हैं। अधिकारियों के मुताबिक फ्लैट्स में पजेशन की तैयारी शुरू हो चुकी है। 80 फीसदी फ्लैट्स रेडी है। फ्लैट्स की चाबी प्राप्त करने के लिए आवंटितियों को नोटिस में दशाई राशि का भुगतान करने के बाद रजिस्ट्री की प्रक्रिया में शामिल होना होगा, जिसके बाद पजेशन प्राप्त होगा।

किश्तों में भुगतान के लिए 31 जुलाई तक का समय
पजेशन में लेटलतीफी और अतिरिक्त शुल्क के बारें में बीते दिनों इंद्रप्रस्थ प्रोजेक्ट के प्रभावितों ने आरडीए में सीईओ अय्याज तांबोली को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। प्रभावितों ने कहा कि तीन साल बाद निर्माण का खामियाजा अतिरिक्त शुल्क के रूप में आवंटितियों को झेलना पड़ रहा है। टैक्स आदि शुल्क को चुकाने के लिए किश्तों की सुविधा देनी चाहिए। आरडीए ने इस मामले में 31 जुलाई तक का अतिरिक्त समय दिया है। प्रतिनिधिमंडल ने ब्याज-सरचार्ज भी माफ करने की मांग रखी।

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प्रतिनिधिमंडल ने रखी यह मांग

1. यह कि उपरोक्त योजना के अंतर्गत निर्माणधीन फ्लैट के निर्माण की अवधि 3 वर्ष पूर्ण हो चुके है, लेकिन निर्माण कार्य अभी तक पूर्ण नहीं हुआ है।
2. निर्माणाधीन फ्लैट्स के मॉडल के अनुसार, ब्लाक सी के सामने गार्डन का निर्माण किया जाना था, लेकिन वर्तमान में वहां पर बिजली का ट्रांसफोर्मर लगाया गया है।
3. यह कि प्रारम्भ में फ्लैट्स के आबंटन पत्र में उल्लेखित फ्लैट की कीमत के अनुसार ही हमें बैंक से ऋण प्रदान की गई है। आबंटन पत्र में आबंटित फ्लैट्स के राशि के भुगतान में टैक्स राशिका समावेशन नहीं है तो कृपया अभी फ्लैट्स के अंतिम किश्त के साथ सर्विस टैक्स को लागु नहीं किया जाना उचित प्रतीत होता है।
4. 3 वर्ष पश्चात भी फ्लैट्स का निर्माण कार्य पूरा नहीं हुआ है। आबंटितों से अंतिम किश्त एवं वास्तविक मूल्य का 7.5 प्रतिशत राशि के अलावा कोई भी सरचार्ज लागू नहीं किया जाना चाहिए।

- इंद्रप्रस्थ फेस-2 प्रोजेक्ट में 80 फीसदी फ्लैट्स रेडी पजेशन में उपलब्ध हैं। इसके लिए आवंटितियों को बकाया राशि का भुगतान करना होगा। अतिरिक्त लागत नियम व शर्तों के साथ आवंटन लेटर में उल्लेखित हैं। प्रतिनिधिमंडल की मांग के बाद 31 जुलाई तक किश्तों में भुगतान की सुविधा दी गई है।
- अनिल गुप्ता, सुप्रिटेंडेंट इंजीनियर, आरडीए

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