
धमतरी. चिटफंड कंपनियों में डूबत राशि वापस दिलाने की मांग को लेकर लामबद्ध हुए निवेशक।
रायपुर/धमतरी. धमतरी में करीब 3 सौ चिटफंड कंपनियों (Chit Fund Company news ) ने 1 लाख 35 हजार निवेशकों से 4 अरब रुपए से ज्यादा का ठगी का कारोबार किया हैं। निवेशक राजेश सारथी, सुभाष कुंभकार, कमलेश कुंभकार, डा. ऐमन साहू, शीतलेश साहू, मयाराम पटेल का कहना है कि चिटफंड कंपनियों पर कार्रवाई के मामले में राज्य सरकार की अब तक की कार्रवाई नाकाफी है। कंपनियों की अचल संपत्ति नीलाम होते ही पचड़े में पड़ जाती है। इससे निवेशकों को उनकी राशि मिलने में विलंब हो रही है। अब बस्तर से लेकर सरगुजा तक निवेशक एक बार फिर लामबद्ध होकर आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे।
सेबी का करेंगे घेराव
संघ के प्रदेश महासचिव नंदकुमार निषाद, सचिव ईश्वर पटेल का कहना है कि राज्य सरकार के अलावा केन्द्र सरकार की संस्था सेबी ने भी कई कंपनियों की चल-अचल संपत्तियां जब्त की है। बड़ी मात्रा में दस्तावेज जब्त किया हैं, लेकिन राशि लौटाने के मामले में वह भी चुप बैठ गई हैं। इसके विरोध में आगामी 21 दिसंबर को बड़ी संख्या में निवेशक सेबी दफ्तर का घेराव करेंगे। जरूरत पड़ी तो निवेशक सेबी दफ्तर में ताला भी जड़ेंगे।
इसी तरह पूरे प्रदेशभर में करीब 20 लाख निवेशकों को करीब 10 हजार करोड़ रुपए लौटाया जाना हैं। गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव के समय तत्कालीन पीसीसी अध्यक्ष भूपेश बघेल ने अपने 39 विधायकों के साथ धरना पंडाल बूढ़ा तालाब में आकर सत्ता में आते ही निवेशकों का पैसा वापस करने का आश्वासन देकर उनका आंदोलन खत्म कराया था। लेकिन आज चार साल बीतने के बाद भी धमतरी समेत पूरे राज्यभर में निवेशकों का पैसा नहीं लौटाया गया। इसे लेकर निवेशकों में भारी रोष हैं।
छत्तीसगढ़ अभिकर्ता सेवा संघ के बैनर तले अब फिर से आर-पार की लड़ाई लड़ी जाएगी। गत दिनों रायपुर में इसके लिए बैठक में रणनीति भी तय की गई। उपभोक्ता संघ के प्रदेश अध्यक्ष गगन कुंभकार का कहना है कि अब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से अंतिम मुलाकात कर फिर से आर-पार संघर्ष किया जाएगा। उनका कहना है कि गत महीने तीन दिनों तक पदयात्रा कर सैकड़ों निवेशक रायपुर पहुंचे, लेकिन मुख्यमंत्री ने उनसे बात करने 3 मिनट का समय तक नहीं दिया। ऐसे में प्रदेश के 20 लाख निवेशक अपने आप को ठगा सा महसूस करने लगे हैं।
Published on:
03 Dec 2022 12:16 pm
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