
ISKCON Temple Raipur: छत्तीसगढ़ की राजधानी अब धर्मनगरी का स्वरुप लेता जा रहा हैं। यहां मौजूद राम मंदिर, सालासर बालाजी मंदिर और जगन्नाथ मंदिर के बाद टाटीबंध क्षेत्र में इस्कॉन मंदिर भी भक्तों के आकर्षण का केंद्र बनकर उभर रहा है।

ISKCON Temple Raipur: रायपुर में यह मंदिर 12 साल में बनकर तैयार हुआ है। इसमें 13 शिखर बनाए गए हैं और हर शिखर पर सोने से बने कलश रखे गए हैं। 13 सोने के कलश का कुल वजह 1.25 किलो है।

ISKCON Temple Raipur: बता दें कि विगत दिनों इस्कॉन मंदिर का प्राण-प्रतिष्ठा समारोह हुआ। प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में विदेश से भी मेहमान पहुंचे हैं। समारोह 3 दिन तक चला जिसमें हवन, भजन समेत कई आयोजन हुए। इसमें 19 अगस्त को सुबह 5 बजे भगवान के विग्रह को नए मंदिर में स्थापित किया गया

ISKCON Temple Raipur: हवन के लिए कुल 21 कुंड बनाए गए थे। सुबह से हरी नाम संकीर्तन चला। इस आयोजन में जापान, अमेरिका और साउथ अफ्रीका से प्रतिनिधि रायपुर पहुंचे थे। देश के सभी राज्यों से इस्कॉन के अध्यक्ष भी शामिल हुए थे।

ISKCON Temple Raipur: मंदिर में 13 शिखर हैं। इन सभी शिखरों पर स्वर्ण कलश लगाए गए है। 1 किलो 250 ग्राम सोने से कलश का निर्माण किया गया है। 7 जुलाई को मुख्य शिखर पर स्वर्ण कलश, कपि-ध्वज और सुदर्शन चक्र की स्थापना की गई। बाकी के 12 कलश 16 अगस्त को स्थापित किए गए हैं।

ISKCON Temple Raipur: बता दें कि इस श्रीराधा-रासबिहारी इस्कॉन मंदिर को तैयार होने में 12 साल का समय लगा है। इस्कॉन मंदिर साल 2012 में बनना शुरू हुआ था।

ISKCON Temple Raipur: परिसर के लिए 2001 में सवा तीन एकड़ जमीन मिली थी। इसका विस्तार 10 एकड़ में हो चुका है। मंदिर के निर्माण में अब तक 51 करोड़ रुपए से अधिक खर्च हो चुके हैं। मंदिर परिसर में ही 64 कमरों (ISKCON Mandir) का सुविधायुक्त गेस्ट-हाउस तैयार किया गया है।