JEE Advanced Result: आईआईटी जाने का लक्ष्य पहले से तय था लेकिन तैयारी दो साल में की। इस दौरान कभी लगता था कि बहुत कठिन है, कभी लगता कुछ ही दूर है, थोड़ी और मेहनत कर लेते हैं। ( JEE Advanced Result CG Topper ) अगर दो साल अच्छे से तैयारी कर लो, थोड़ा सेक्रेफाई कर लेंगे तो आईआईटी की राह आसान हो जाती है।
JEE Advanced Result CG Topper: यह कहा मठपुरैना शिवा रेसिडेंसी निवासी भाग्यांश साहू ने। उन्हें जेईई एडवांस में ऑल इंडिया रैंक 86 मिली है। वे स्टेट टॉपर हैं। भाग्यांश के पिता भारतभूषण साहू सेंट्रल जॉब में हैं जबकि मां ममता साहू केमिस्ट्री की टीचर हैं। रायपुर के ही रिदम केडिया और भिलाई के अर्णव ने क्रमश: 4 और 40 रैंक अचीव की है लेकिन उन्होंने दूसरे राज्य से एग्जाम दिया था।
भाग्यांश ने बताया, जब मैं स्कूल में था तब रेणु चौधरी मैम अक्सर मुझे अलग-अलग कॉपीटिशन एग्जाम के बारे में न सिर्फ बताया करती थीं, बल्कि उनकी बेसिक प्रिप्रेशन भी दिया करती थीं। जब मैं 11वीं में आया तब कोचिंग ज्वाइन किया।
JEE Advanced Result: मेंस में गलतियां ज्यादा हुईं थी, जबकि एडवांस में कम। इसलिए रैंक बढ़ी। हालांकि मेरी उमीद से कम अच्छा गया था पेपर। इसलिए 100 से 200 के बीच रैंक आने की संभावना थी लेकिन जब आंसर शीट आई तो मैं अंडर 100 के लिए कॉन्फिडेंट हो गया। आमतौर पर रिजल्ट इस बात पर डिपेंड करता है कि तमाम तैयारियों के बावजूद पेपर वाला दिन कैसा गया। यह वाकई सब्र का काम है।
JEE Advanced Result: एडवांस के लिए मैंने हर टॉपिक के एक्स्ट्रा क्वेश्चन सॉल्व किए। जो विक थे जैसे मैथ्स में कॉप्लेक्स नंबर, इंटेरिगेशन ऐप्लीकेशन। इसके लिए मैंने टीचर से एक्स्ट्रा मटेरियल मांगा। मेंस के बाद मेरे पास समय काफी था, इसलिए 10 से 12 घंटे पढ़ने में ही लगाए। प्रेशर कम करने मैंने चेस खेला। बहन से बातें करता था। चूंकि एडवांस में दो शिट में दिनभर पेपर होते हैं। इसलिए मैंने 3-3 घंटे एक ही जगह बैठकर पढ़ने की हैबिट बनाई। इसका फायदा एग्जाम हॉल में मिलता है।
मेंस के बाद मैंने एडवांस लेवल की प्रैक्टिस की। 8 टेस्ट सीरीज दिया। केमेस्ट्री में बहुत सारे टॉपिक ऐसे थे जो मेंस में नहीं पढ़े थे। एडवांस के लिए एक्स्ट्रा सिलेबस पढ़ना पड़ा।
पैरेंट्स : अशोक रमुका- सरिता अग्रवालपता- गुढ़ियारी, रायपुर
मैं हते में दो बार कबाइन टेस्ट देता था और दिन में दो टेस्ट सब्जेक्टवाइस थे। टेस्ट सीरीज बहुत फायदेमंद रही। इसके अलावार रिवीजन में खूब मेहनत की। क्लास में जो भी पढ़ाया जाता उसे रिवाइज करता था।
पैरेंट्स : शिशिर कुमार जैन-मुक्ति जैन पता- टैगोर नगर, रायपुर
बालक प्रयास अवासीय विद्यालय सड्डू में 62 छात्र जेईई एडवांस की परीक्षा में शामिल हुए, इनमें से 32 छात्र क्वालीफाई हुए हैं। कुलदीप कुमार को ऑल इंडिया कैटेगरी रैंक 459, ओमप्रकाश नेताम को 473 और रुद्राक्ष भगत को एआईआर 825 हासिल हुई है।
दिया मित्तल को एआईआर 2462
हर संडे मैंने मॉक टेस्ट दिया। स्टडी मटेरियल सॉल्विंग में फोकस किया। प्रिवियस ईयर के क्वेश्चन पेपर सॉल्व किए। फिजिक्स के जिन टॉपिक्स पर कमजोर थी उस पर मेहनत की। इनऑर्गेनिक केमेस्ट्री को रिवाइज किया।
पैरेंट्स: राकेश मित्तल, अंशु मित्तल, पता- गुढ़ियारी, रायपुर
चौथी रैंक हासिल करने वाले रायपुर के रिदम केडिया ने कहा कि पढ़ाई की प्लानिंग ऐसी होनी चाहिए कि समय पर पूरी हो जाए। टालमटोल से बचना चाहिए। मैंने रोज का काम रोज किया और रिवीजन करने में विश्वास जताया। इससे मैंने खुद को बहुत मजबूत बनाया। गाने सुनना, कविताएं लिखना और गणित के सवाल हल करना ही शौक रहा। पढऩे के लिए हर टॉपिक का टेंटेटिव प्लान बनाकर रखता था। मैंने केमिस्ट्री पढने पर ज्यादा ध्यान दिया, क्योंकि मुझे पढ़ा हुआ भूलने की आदत है।
फिजिक्स के इक्वेशन और मैथमेटिक्स की खूब प्रैक्टिस की। स्मार्टफोन का इस्तेमाल करता हूं, लेकिन सोशल मीडिया पर एक्टिव नहीं रहता। मनोरंजन के लिए स्मार्टफोन पर यू-ट्यूब देखता था। जूनियर्स के लिए कहा कि सबसे पहले तो वे क्लास में ध्यान दें। कुछ छूट जाए तो किसी भी तरह उसे पूरा करें। मॉक टेस्ट देते रहें। इससे एक ट्रेंप्रामेंट डेवलप हो जाता है जो एग्जाम हॉल में काम आता है। क्लास में कभी भी डाउट पूछने में हिचकिचाएं नहीं।
मैं टेबल टेनिस, बैडमिंटन खेलता हूं और राकेट देखना पसंद है। पढ़ाई के दौरान जब भी प्रेशर बनता था, मैं फैमिली और दोस्तों से बात करके दूर कर लेता था। मैं गाने सुनता हूं और गुनगुनाता भी हूं।
Updated on:
11 Jun 2024 07:42 am
Published on:
10 Jun 2024 01:26 pm