
NEET Cut-off2024: नीट यूजी के रिजल्ट में लगातार विवादों के बाद अच्छी रैंक या अच्छे स्कोर लाने वाले प्रदेश के छात्र भी घबराए हुए हैं। उनकी घबराहट यही है कि उनका एडमिशन सरकारी मेडिकल कॉलेज (NEET Cut-off 2024) में हो पाएगा या नहीं। एनटीएस के रिजल्ट में देश में 67 छात्रों को रैंक एक मिली है।
विशेषज्ञों के अनुसार इसके चलते प्रदेश के सरकारी कॉलेजों में कट ऑफ हाई जाने की संभावना है। पिछले साल तक 530 नंबर वालों का एडमिशन सरकारी मेडिकल कॉलेज (NEET Cut-off 2024) में हो गया था। इस बार भी ऐसा हो, इसकी संभावना कम है। यही कारण है कि कड़ी मेहनत कर अच्छा स्कोर लाने वाले छात्रों की बेचैनी बढ़ गई है।
छात्र-छात्राओं की घबराहट व बेचैनी का कारण ये भी है कि कहीं रिजल्ट रद्द न हो जाए। अगर ऐसा हुआ तो कहीं उनका स्कोर प्रभावित न हो जाए। हालांकि विशेषज्ञों के अनुसार (NEET Cut-off 2024) जो मेहनत से पेपर हल किए हैं, उन्हें किसी तरह भी घबराने की जरूरत नहीं है। रिजल्ट दोबारा घोषित होने पर भी टॉपरों को छोड़कर, जिन्हें एनटीए ने बोनस नंबर दिया है, उनको छोड़कर किसी अन्य छात्रों का रिजल्ट नहीं बदलेगा।
प्रदेश में 10 सरकारी व 3 निजी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की 1910 सीटें हैं। पिछले साल नेहरू मेडिकल कॉलेज रायपुर में 675 से 585 अंक वालों का एडमिशन हो गया है। इस साल 585 अंक वाले छात्र को रायपुर मिल जाए, इस बात की गारंटी बिल्कुल नहीं है। रैंक एक में 67 छात्रों के आने के कारण व उनके 720 में 720 अंक मिलने के बावजूद नई दिल्ली एम्स में सीट मिलने से रहा। एम्स दिल्ली में एमबीबीएस की 100 सीटें हैं। केटेगरीवार सभी 67 छात्रों का एडमिशन वहां संभव ही नहीं है।
प्रदेश में सरकारी व निजी कॉलेजों में एमबीबीएस की सभी सीटें भर जाती हैं। दो साल पहले जरूर 22 सीटें खाली रह गई थीं। इनमें आल इंडिया व सेंट्रल पुल की सीटें थीं। दरअसल दुर्ग मेडिकल कॉलेज को बाद में मान्यता मिली थी। इस कारण वहां आल इंडिया व सेंट्रल पुल की सीटें खाली रह गईं थीं।
एमबीबीएस कोर्स ऐसा है कि एक-एक सीट के लिए मारामारी मची रहती है। ऐसे में सीट खाली होने का सवाल ही नहीं उठता। चाहे स्टेट कोटा हो या मैनेेजमेंट कोटा, वेटिंग हजारों में होती है। एनआरआई कोटे के लिए भी बुकिंग चल रही है। जहां रेट 90 लाख से 1.30 करोड़ रुपए चल रही है। तीन निजी कॉलेज में एक की सीटें पहले ही भर चुकी हैं। वहीं एक निजी कॉलेज को मान्यता नहीं मिली है, उसके बाद भी वहां 90 लाख में बुकिंग चल रही है।
एनटीए ने लोकसभा चुनाव की मतगणना के दौरान नीट का रिजल्ट जारी कर दिया था। जबकि 14 जून को रिजल्ट घोषित होना था। यही नहीं रैंक वन में 67 छात्रों के आने पर भी विवाद है। इनमें 6 से ज्यादा छात्र एक ही सेंटर के होने की बात सामने आ रही है। हल्ला यहां तक है कि 4 मई को पेपर लीक हो गया था, लेकिन एनटीए से इससे इनकार कर दिया था। ज्यादा छात्रों के रैंक वन में आने पर एनटीएस ने सफाई दी है कि बोनस अंक दिए जाने के कारण ऐसा हुआ है। 67 में 46 छात्रों को 5 नंबर बोनस दिए गए हैं, जिससे उनके नंबर 715 से 720 पहुंच गया। हालांकि जानकारों को ये सफाई भी पच नहीं रही है।
Updated on:
07 Jun 2024 10:17 am
Published on:
07 Jun 2024 09:18 am
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